उत्तराखंड में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शुरू किया स्कूलों में पढ़ाना, सीएम के निर्देशों पर अमल

शिक्षा के गिरते स्तर और कम होती छात्रसंख्या को थामने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर आंशिक अमल ही किया जा सका है। विद्यालयों में शासन से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर पढ़ाने की मुहिम अभी नहीं संभाली है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 04:26 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 04:26 PM (IST)
उत्तराखंड में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शुरू किया स्कूलों में पढ़ाना, सीएम के निर्देशों पर अमल
उत्तराखंड में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शुरू किया स्कूलों में पढ़ाना।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के गिरते स्तर और कम होती छात्रसंख्या को थामने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर आंशिक अमल ही किया जा सका है। विद्यालयों में शासन से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर पढ़ाने की मुहिम अभी नहीं संभाली है। अलबत्ता, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर पढ़ाना शुरू कर दिया है।

प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में छात्रसंख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। हालत ये है कि नजदीकी सरकारी विद्यालयों को छोड़कर छात्र-छात्राएं निजी विद्यालयों में शिफ्ट हो रहे हैं। प्रदेश में सरकारी और सहायताप्राप्त विद्यालयों की संख्या 17054 है। इनमें अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या 10.09 लाख है। वहीं, गैर सरकारी विद्यालयों की संख्या 5674 है। इनमें छात्रसंख्या 13.23 लाख है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्र-छात्राओं का आकर्षण बढ़ाने और अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए आइएएस, आइपीएस, आइएफएस से लेकर पीसीएस अधिकारियों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने पर जोर दिया था।

सीएम धामी ने की थी स्वेच्छा से पढ़ाने की अपेक्षा

शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए आला अधिकारियों से आगे आने को कहा था। साथ ही यह अपेक्षा भी की गई कि सभी अधिकारी एक दिन स्वेच्छा से किसी विद्यालय में जाकर एक पीरियड पढ़ाएंगे। वे किसी भी विषय को पढ़ा सकते हैं। साथ ही पठन-पाठन व्यवस्था का निरीक्षण कर इसे और बेहतर बनाने के उपाय भी सुझा सकेंगे। बच्चों को प्रेरित करने के लिए अधिकारी उन्हें संबोधित भी कर सकते हैं।

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प्रार्थना सभा में करें संबोधन

इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रार्थना सभा में बच्चों को संबोधित करने का सुझाव भी दिया। दरअसल ऐसा होने पर सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक माहौल को उत्साहपूर्ण बनाने में मदद मिलती। साथ ही विद्यालयों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने में भी यह पहल कारगर साबित होती। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भी आला अधिकारियों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विद्यालयों के मुआयने के साथ पठन-पाठन प्रारंभ किया है।

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