Earthquake in Uttarakhand: उत्‍तराखंड में महसूस किए गए भूकंप के झटके, चमोली रहा केंद्र

Earthquake in Uttarakhand उत्‍तराखंड के कई जिलों में आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इससे लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र चमोली रहा। लोगों का कहना है कि झटके काफी तेज थे।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 06:46 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 08:27 PM (IST)
Earthquake in Uttarakhand: उत्‍तराखंड में महसूस किए गए भूकंप के झटके, चमोली रहा केंद्र
उत्‍तराखंड के कई जिलों में आज सुबह करीब 5 बजकर 59 मिनट में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।

जागरण टीम, गोपेश्वर (चमोली)।  Earthquake in Uttarakhand:  उत्तराखंड में शनिवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.7 मापी गई और इसका केंद्र चमोली जिले में जोशीमठ के पास पांच किलोमीटर की गहराई में था। हालांकि इससेे कहीं से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन इसका असर समूचे पर्वतीय क्षेत्र में महसूस किया गया। इस साल जनवरी से अब तक उत्तराखंड में नौ बार धरती डोल चुकी है।

सुबह करीब छह बजे धरती डोली तो लोग घरों से बाहर निकल आए। चमोली और रुद्रपयाग में तेज झटके महसूस किए गए। दहशतजदा लोग काफी देर तक घरों के बाहर ही रहे। वहीं, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, ऋषिकेश, नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत व ऊधमसिंहनगर जिलों में इसका असर कम रहा।

जनवरी से अब तक सर्वाधिक पांच बार भकूंप का केंद्र गढ़वाल मंडल में दर्ज किया गए, जबकि कुमाऊं में यह आंकड़ा दो बार ही रहा। इसके अलावा एक बार भूकंप का केंद्र नेपाल और एक बार तजाकस्तान में दर्ज किया गया। इन दोनों भूकंप का असर उत्तराखंड में भी महसूस किए गया। खास बात यह है कि उत्तराखंड का ज्यादातर हिस्सा भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील जोन पांच में आता है।

आइआइटी रुड़की के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर बीके माहेश्वरी ने बताया कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है। यहां भूगर्भीय हलचल बनी रहती है। छोटे-छोटे झटकों के चलते बड़े भूकंप की आशंका कम हो जाती है। इससे धरती के गर्भ में एकत्र ऊर्जा बाहर आ जाती है।

आइआइटी रुड़की के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर बीके माहेश्वरी ने बताया कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है। यहां भूगर्भीय हलचल बनी रहती है। छोटे-छोटे झटकों के चलते बड़े भूकंप की आशंका कम हो जाती है। इससे धरती के गर्भ में एकत्र ऊर्जा बाहर आ जाती है।

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भूकंप के झटकों के बाद घरों से भागे लोग

पौड़ी मुख्यालय तथा इससे सटे क्षेत्रों में शनिवार सुबह 5 बजकर 58 मिनट पर झटके महसूस किए गए। इस दौरान जैसे झटके महसूस हुए, लोग अपने घरों से बाहर भागने लगे। कुछ देर तक लोग घरों से बाहर ही रहे। जिला आपदा परिचालन केंद्र के मुताबिक जनपद में भूकंप से किसी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन जिस प्रकार सुबह के वक्त भूकंप आया, उससे लोग कुछ देर काफी भयभीत रहे। राहत की बात यह कि इससे किसी प्रकार का नुकसान नही हुआ।

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