मानसिक अवसाद रोकने को ई-संजीवनी टेलीमेडिसन सेवा, दिया जाएगा निश्शुल्क परामर्श
कोविड-19 महामारी के दौरान आमजन में आ रहे मनोवैज्ञानिक विकार व संक्रमण के भय से उत्पन्न मानसिक अवसाद जैसी परिस्थितियों के लिए राज्य सरकार ई-संजीवनी टेलीमेडिसन सेवा प्रारंभ कर रही है। इस सेवा के तहत केवल इन्हीं मरीजों को परामर्श व उपचार मिलेगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोविड-19 महामारी के दौरान आमजन में आ रहे मनोवैज्ञानिक विकार व संक्रमण के भय से उत्पन्न मानसिक अवसाद जैसी परिस्थितियों के लिए राज्य सरकार ई-संजीवनी टेलीमेडिसन सेवा प्रारंभ कर रही है। इस सेवा के तहत केवल इन्हीं मरीजों को परामर्श व उपचार मिलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने बताया शनिवार को बयान जारी कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टेलीमेडिसन सेवा और 104 हेल्पलाइन पर प्राप्त जानकारी व विवरण के अनुसार अधिकांश मरीजों में मानसिक अवसाद व मनोवैज्ञानिक विकार की परिस्थतियां देखी गई हैं।
चिकित्सकों के अनुसार अधिकांश जनों में अन्य रोगों के साथ-साथ मानसिक रोग जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो रही हैं। इस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए विभाग ने 19 मनोरोग चिकित्सकों को ई-संजीवनी टेलीमेडिसन सेवा के अंतर्गत पीड़ित मरीजों को निश्शुल्क परामर्श दिए जाने के लिए तैनात किया है। डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान हेल्पलाइन 104 पर प्राप्त कॉल का विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया गया कि अधिकांश व्यक्ति कोरोना संक्रमण के कारण मानसिक अवसाद के शिकार भी हो रहे हैं।
उन्हें कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने का डर भी सता रहा है। इन परिस्थितियों में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के स्वस्थ होने की दर धीमी हो जाती है और वह मनोरोग के शिकार भी हो सकते हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा अब ई-संजीवनी पोर्टल www.esanjeevaniopd.in के माध्यम से परामर्श का कार्य आरंभ कर दिया गया है। इस पोर्टल पर पीड़ित व्यक्ति लॉगइन करके घर बैठे मुफ्त चिकित्सकीय सलाह प्राप्त कर सकते है।
डॉ. नैथानी के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श के लिए 19 मनोरोग चिकित्सकों से यह सेवा प्रत्येक दिन प्रात: नौ बजे से दोपहर एक बजे तक उक्त पोर्टल पर लॉगइन कर अथवा हेल्पलाइन नंबर 104 पर कॉल करके प्राप्त किया जा सकेगा। यह हैं मनोरोग विशेषज्ञचिकित्सकों में जवाहरलाल नेहरू जिला चिकित्सालय रुद्रपुर के डॉ. ईके दल्ला, कोरोनेशन चिकित्सालय की डॉ. निशा सिंघला, दून मेडिकल कालेज के डॉ. एमके पंत व एम्स ऋषिकेश के डॉ. विशाल धीमान प्रमुख है।
आत्मविश्वास से मिलेगी कोरोना पर विजय
दून मेडिकल कालेज के डॉ. एमके पंत ने बताया कि कोरोना को जीतने के लिए सर्वप्रथम आत्मविश्वास चाहिए। सकारात्मक सोच से ही किसी भी प्रकार की जीत संभव है। जनमानस को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। केंद्र व राज्य सरकार ने निर्धारित गाइडलाइन का पूर्णरूप से पालन करने से ही आत्मविश्वास जागृत होगा। गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए अपने परिवार व नाते रिश्तेदारों से अनुरोध की आवश्यकता है। डॉ. पंत ने कहा कि आप जैसा सोचेंगे, वैसे ही पाएंगे। सकारात्मक सोच आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है। आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह मन में लाइये कि सकारात्मक सोच के साथ अपना इम्यून सिस्टम सही रखकर कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन कर हम सभी कोविड की द्वितीय लहर को भी हराएंगे।
कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद भी देखभाल जरूरी
एम्स ऋषिकेश के डॉ. विशाल धीमान ने कहा कि डर व भय के कारण मरीजों में कई बार आत्महत्या करने जैसी प्रवृत्ति आ जाती है। एक अध्ययन के अनुसार 40-60 प्रतिशत मामलों में मनोवैज्ञानिक विकार शुप्त अवस्था में रहते है और कोविड जैसी परिस्थितियों के कारण वह विकराल मानसिक बीमारी का रूपधारण कर लेती है। कोविड संक्रमण से ठीक होने के उपरांत भी मरीज को परिवार के स्तर पर उचित देखभाल व अवसाद से बाहर आने के लिए आवश्यकीय सहयोग व संवेदनशील होना आवश्यक होता है।
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