दून में माता की प्रतिमा विसर्जन के साथ सम्पन्न हुआ दुर्गा महोत्सव

दून में इन दिनों दुर्गा पूजा महोत्सव की धूम है। भव्य सजे पांडालों में माता के भजनों पर भक्तों के झूमने का सिलसिला जारी है। आज माता की प्रतिमा विसर्जन के साथ महोत्सव सम्पन्न हो जाएगा। रविवार को मां दुर्गा के पांडालों में जयकारों के साथ दुर्गा पूजा हुई।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 10:46 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 02:44 PM (IST)
दून में माता की प्रतिमा विसर्जन के साथ सम्पन्न हुआ दुर्गा महोत्सव
रविवार को करनपुर स्थित बंगाली लाइब्रेरी में मां दुर्गा का पूजन करते पुजारी।

देहरादून, जेएनएन। चार दिवसीय दुर्गा पूजा के बाद पंडालों में सजी दुर्गा की प्रतिमा का दशमी के दिन विसर्जन किया गया। शहर के देहरादून दुर्गाबाड़ी पूजा समिति, यंग बॉयज क्लब ओल्ड डालनवाला, बंगाली लाइब्रेरी करनपुर, कालीबाड़ी पूजा समिति आराघर में स्थापित प्रतिमाओं को विसर्जन से पूर्व विधि विधान के पूजा, भोग लगाकर पूजा की गई। साथ ही माता को विदा कर अगले वर्ष का निमंत्रण की कामना की गई। ओएनजीसी की दुर्गाबाड़ी समिति से जुड़े सदस्यों ने सुबह पंडाल में माता का विधि-विधान से पूजा के बाद वाहन के माध्यम से हरिद्वार, विकासनगर विसर्जन के लिए रवाना किया गया। वहीं, रायपुर समिति दोपहर एक बजे को मालदेवता में प्रतिमा को विसर्जित किया गया। समिति के पूर्व अध्यक्ष तापस चक्रवर्ती ने बताया कि मां दुर्गा के भक्त मां की मूर्ति के विसर्जन के बाद ही व्रत का पारण करते करेंगे।

सादगी से मनाया सिंदूर खेला उत्सव

दुर्गा पूजा के आखिरी दिन सिंदूर खेला उत्सव होता है। दुर्गा विसर्जन से पहले यह उत्सव मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। साथ ही शुभकामनाएं भी देती हैं। हालांकि इस बार कोरोना के चलते कम महिलाओं की मौजूदगी में यह रस्म निभाई गई।

सुबह हुआ दर्पण विसर्जन

विभिन्न समिति की ओर से स्थापित प्रतिमा का सुबह दर्पण विसर्जन किया। दशमी के दिन पानी मे दर्पण रखकर माता को उनका चेहरा दिखाया। इसके बाद पूजा कर मिठाई का भोग लगाया। भक्तों ने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।

यह भी पढ़ें: Dussehra 2020: कोरोना के साए में मनाया गया दशहरा पर्व, धू-धूकर जला लंकापति रावण का अहंकार

chat bot
आपका साथी