कोर्ट में अप्लीकेशन डालने के लिए लगाए ड्रॉप बाक्स, कोरोना के बढ़ते प्रसार को देख लिया फैसला

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोर्ट ने सख्ती करनी शुरू कर दी है। जिला न्यायाधीश प्रदीप पंत ने सभी वादकारियों और अधिवक्ताओं से अपील की कि वह वाद परिवाद आवश्यक प्रार्थना पत्र जमानत प्रार्थनापत्र और बेल बांड संबंधित न्यायालय के लिए रखे ड्राप बाक्स में ही डालें।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 01:14 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 01:14 PM (IST)
कोर्ट में अप्लीकेशन डालने के लिए लगाए ड्रॉप बाक्स, कोरोना के बढ़ते प्रसार को देख लिया फैसला
कोर्ट में अप्लीकेशन डालने के लिए लगाए ड्रॉप बाक्स।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना के मद्देनजर जिला न्यायालय में एहतियाती कदम उठाते हुए प्रार्थना पत्र प्रेषित करने के लिए फिर से ड्रॉप बॉक्स लगा दिए गए हैं। जिला न्यायाधीश प्रदीप पंत ने सभी वादकारियों और अधिवक्ताओं से अपील की है कि वाद, परिवाद, बेल बांड समेत किसी भी प्रकार का प्रार्थना पत्र संबंधित न्यायालय के ड्रॉप बॉक्स में ही डालें। 

इससे पहले बीते वर्ष मार्च में प्रदेश में कोरोना की दस्तक होने के बाद भी जिला न्यायालय में प्रार्थना पत्र लेने के लिए ड्रॉप बॉक्स लगाए गए थे। कुछ माह पहले संक्रमण का प्रसार कम होने पर यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। फिर से प्रार्थना पत्र सीधे न्यायालय में प्रेषित किए जाने लगे थे। अब कोरोना की दूसरी लहर के बेकाबू होने पर जिला न्यायालय में इस महामारी की रोकथाम के लिए ड्रॉप बॉक्स में प्रार्थनापत्र डालने की व्यवस्था फिर बहाल कर दी गई है। 

न्यायालय की तरफ से सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। कोर्ट रूम में जगह की कमी के चलते वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान पक्षकार और उनके अधिवक्ता के अलावा किसी व्यक्ति को नहीं आने का आदेश दिया गया है। 52 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों को न्यायालय नहीं बुलाने का आदेश भी जारी किया गया है। 

बता दें कि, कोरोना की पहली लहर में जिला न्यायालय के जज सहित कई अधिवक्ता संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इसके चलते भी यहां अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। न्यायालय में रोजाना बड़ी संख्या में लोग न्यायिक कार्यों के लिए पहुंचते हैं। इनमें से किसी के भी संक्रमित होने की स्थिति में अन्य व्यक्तियों तक संक्रमण पहुंचने का खतरा था। इस स्थिति में संक्रमण का प्रसार और तेज होने की भी संभावना थी।

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