डॉ. एनएस भंडारी सोबन सिंह जीना विवि के पहले कुलपति, शासन ने जारी किए आदेश

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के पहले कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह भंडारी नियुक्त किए गए हैं। डॉ. भंडारी वर्तमान में राज्य लोक सेवा आयोग हरिद्वार में बतौर सदस्य कार्यरत हैं।

By Edited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 09:15 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:24 PM (IST)
डॉ. एनएस भंडारी सोबन सिंह जीना विवि के पहले कुलपति, शासन ने जारी किए आदेश
डॉ. एनएस भंडारी सोबन सिंह जीना विवि के पहले कुलपति, शासन ने जारी किए आदेश

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के पहले कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह भंडारी नियुक्त किए गए हैं। शिक्षाविद डॉ. भंडारी वर्तमान में राज्य लोक सेवा आयोग हरिद्वार में बतौर सदस्य कार्यरत हैं। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद ब‌र्द्धन ने डॉ. भंडारी की बतौर कुलपति नियुक्ति के आदेश मंगलवार को जारी किए। उनकी नियुक्ति तीन साल या 65 वर्ष की अधिवर्षता आयु पूरी होने तक की गई है।

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय आवासीय सह संबद्ध विश्वविद्यालय है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बने आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के स्थान पर इसे बनाया गया। नए विश्वविद्यालय के पहले कुलपति की नियुक्ति का अधिकार सरकार को है। दैनिक जागरण के साथ दूरभाष पर बातचीत में नए कुलपति डॉ. भंडारी ने कहा कि वह 15 अगस्त से पहले कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की परिस्थितियों से भली-भांति परिचित हैं। 

नया विश्वविद्यालय कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के लिए अच्छे अवसर की तरह है। रोजगारपरक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए अलग से प्रकोष्ठ का गठन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए शिक्षण कार्य सुचारू चलना बेहद आवश्यक है। यह कार्य समर्पित भाव से किया जाएगा। विश्वविद्यालय में आवश्यकता और व्यावहारिकता आधारित शोध को बढ़ावा देने को वह प्राथमिकता देंगे। इनसेट: कुमाऊं विवि में लंबी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ. भंडारी प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के सैनी गांव के रहने वाले हैं। 

यह भी पढ़ें: Good News: मुफ्त कोचिंग के लिए 20 तक करें आवेदन, जान लें सारे नियम भी 

उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सीमांत पिथौरागढ़ के ही नैनीचौरा प्राथमिक विद्यालय से ग्रहण की। पिथौरागढ़ से ही 1983 में स्नातक व 1985 में स्नातकोत्तर की शिक्षा हासिल की। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से पीएचडी की। 1988 में उनकी नियुक्ति कुमाऊं विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर रसायन विभाग के रूप में हुई। वह कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष के साथ ही इग्नू अध्ययन केंद्र में बतौर प्राचार्य अपनी सेवा दे चुके हैं। डॉ. भंडारी अब तक 42 शोधपत्र और पांच पुस्तकें लिख चुके हैं।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जल्द भरे जाएंगे उर्दू शिक्षकों के 144 पद, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

chat bot
आपका साथी