डा.धन सिंह रावत ने कहा विभागीय जांच के बाद लेंगे एसआइटी का फैसला

सहकारिता राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत के अनुसार जिला सहकारी बैंक हरिद्वार के अध्यक्ष ने मामले की एसआइटी जांच की मांग की है लेकिन विभागीय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा। कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टारलेंस की नीति पर सरकार चल रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 02:05 PM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 02:05 PM (IST)
डा.धन सिंह रावत ने कहा विभागीय जांच के बाद लेंगे एसआइटी का फैसला
डा.धन सिंह रावत ने कहा विभागीय जांच के बाद लेंगे एसआइटी का फैसला।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। जिला सहकारी बैंक हरिद्वार में वर्ष 2016 में हुई चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में गड़बड़ी की बात सामने आने पर प्रकरण की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। सहकारिता राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत के अनुसार जिला सहकारी बैंक हरिद्वार के अध्यक्ष ने मामले की एसआइटी जांच की मांग की है, लेकिन विभागीय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टारलेंस की नीति पर सरकार चल रही है। इस प्रकरण में भी जो दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

प्रदेश के सभी जिला सहकारी बैंकों में सरकार ने इस बार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति का निर्णय लिया था। संबंधित जिलों के जिला सहकारी बैंक के बोर्ड के माध्यम से होने वाली इन नियुक्तियों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन हुए। इस बीच हरिद्वार जिले में इन नियुक्तियों की प्रक्रिया को लेकर शिकायतें सामने आईं। कुछ विधायकों के अलावा हरिद्वार जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष ने भी इस बारे में सरकार को पत्र लिखे थे। इस पर सरकार ने राज्य के सभी जिला सहकारी बैंकों में यह प्रक्रिया स्थगित कर दी थी।

इस बीच यह बात सामने आई कि हरिद्वार जिले में वर्ष 2016 में हुई चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में भी गड़बड़ी हुई थी। यह तथ्य सामने आया कि करीब 900 आवेदकों को एक भी अंक नहीं दिया गया था। मामला संज्ञान में आने पर शासन ने जिला सहकारी बैंक से इस बारे में रिपोर्ट मांगी, जिसमें गड़बड़ी से जुड़े कुछ तथ्य सामने आए।

सहकारिता राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत के अनुसार जिले से रिपोर्ट मिलने के बाद प्रकरण की राज्य स्तर से विभागीय जांच कराई जा रही है। कमेटी की ओर से तब साक्षात्कार में शामिल रहे व्यक्तियों के साथ ही अभ्यर्थियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। इनका जवाब हफ्ते-10 दिन के भीतर मिल जाएगा। डा.रावत के अनुसार विभागीय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही प्रकरण की एसआइटी जांच के बारे में निर्णय लिया जाएगा। यदि रिपोर्ट में सभी तथ्य आ जाएंगे तो एसआइटी की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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