डा. बसंत शेखर चंद्रात्रे ने कहा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ को राष्ट्रहित सर्वोपरि

बीते रोज अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कार्यकर्त्‍ता अभ्यास वर्ग को संबोधित करते हुए महासंघ के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रमुख डा. बसंत शेखर चंद्रात्रे ने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के लिए व्यक्ति नहीं राष्ट्रहित सर्वोपरि है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:52 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:52 AM (IST)
डा. बसंत शेखर चंद्रात्रे ने कहा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ को राष्ट्रहित सर्वोपरि
डा. बसंत शेखर चंद्रात्रे ने कहा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ को राष्ट्रहित सर्वोपरि।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कार्यकर्त्‍ता अभ्यास वर्ग को संबोधित करते हुए महासंघ के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रमुख डा. बसंत शेखर चंद्रात्रे ने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के लिए व्यक्ति नहीं राष्ट्रहित सर्वोपरि है। हम सब इसी राष्ट्रभाव को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का दो दिवसीय वर्चुअल अभ्यास वर्ग के अंतिम दिन मुख्य वक्ता प्रो. अनिरुद्ध देशपांडे ने कहा कि राष्ट्र के पुनर्निमाण के परिपेक्ष्य में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका है। महासंघ के उच्च शिक्षा प्रभारी महेंद्र कुमार ने कहा कि हमारे वैचारिक अधिष्ठान में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता है। इसी वैचारिक अधिष्ठान को प्राप्त करने के लिए कार्यकर्त्‍ता और कार्य पद्धति महत्वपूर्ण है। कार्य पद्धति कार्यकर्त्‍ताओं के विकास का एक माध्यम है।

अभ्यास वर्ग के चतुर्थ सत्र में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जेपी सिंघल ने कहा कि किसी भी संगठन को चलाने के लिए एक प्रभावी टोली का होना अत्यंत आवश्यक है। इस प्रभावी टोली के निर्माण के लिए संगठन के सदस्यों में एकरूपता एवं सदस्यों को संगठन की गहराई से जानकारी होना बहुत जरूरी है। महासंघ के सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षा दर्शन में शिक्षक की भूमिका अहम है। वैदिक काल से वर्तमान समय तक गुरु की महत्ता रही है।

समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य ने भारतीय शिक्षा पद्धति के महत्ता पर अनेक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि जहां पाश्चात्य शिक्षा पद्धति ने व्यक्ति को स्वार्थी और धन की तरफ देखने वाला बना दिया है। वहीं, भारतीय दृष्टिकोण वसुधैव कुटुंबकम का रहा है। इस मौके संगठन के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रशांत सिंह, महामंत्री डा. अनिल नौटियाल, प्रांत महिला प्रमुख डा. अलका सूरी आदि मौजूद रहे।

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