ईजी टू डू से खत्म होंगी दून वासियों की परेशानी, जानिए कैसे

अब आपको सरकारी विभागों में विभिन्न अनुमतियों के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ईजी टू डू पोर्टल के माध्यम से परेशानियां खत्म होने वाली हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 05:49 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 08:23 AM (IST)
ईजी टू डू से खत्म होंगी दून वासियों की परेशानी, जानिए कैसे
ईजी टू डू से खत्म होंगी दून वासियों की परेशानी, जानिए कैसे

देहरादून, सुमन सेमवाल। ईजी टू डू पोर्टल के माध्यम से अब दून के लोगों की परेशानियां खत्म होने वाली हैं। अब आपको सरकारी विभागों में विभिन्न अनुमतियों के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सभी अनुमतियां ऑनलाइन ही प्राप्त कर ली जाएंगी और साथ ही उनका शुल्क भी घर बैठे जमा कराया जा सकेगा। यह सब हो सकेगा उद्योग निदेशालय की ओर से तैयार किए गए 'ईजी टू डू' पोर्टल के माध्यम से। गुरुवार को सचिवालय में प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार ने पोर्टल की प्रगति को लेकर विभिन्न प्रमुख विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने संतोष जताया पोर्टल तैयार किया जा चुका है।

ईजी टू डू पोर्टल के माध्यम से विशेष रूप से दून की सड़कों पर अनियोजित तरीके से की जा रही खुदाई पर अंकुश लग पाएगा। अब तक विभिन्न लोगों के अलावा सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियों को रोड कटिंग के लिए लिखित आवेदन देना पड़ता है। इसमें न सिर्फ लंबा वक्त लगता है, बल्कि रोड कटिंग की राशि ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करानी पड़ती है। सरकारी व गैर सरकार एजेंसियां तो जैसे-तैसे अपना काम करा लेती हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर लोगों के लिए यह बड़ा झंझट भरा काम होता है। इसके चलते वे कई दफा चोरी-छिपे रोड काटकर चलता बनते हैं। इससे अनावश्यक रूप से यातायात में भी व्यवधान पैदा होता है। क्योंकि लोनिवि भी ऐसी सड़कों की मरम्मत में जल्दी से दिलचस्पी नहीं दिखाता है। हालांकि पोर्टल शुरू होने के बाद सभी काम ऑनलाइन हो जाएंगे, जिससे सड़कों की स्थिति भी बेहतर रह पाएगी। लोनिवि ने ही रोड कटिंग के मामले में आवेदन से लेकर स्वीकृति तक के लिए अधिकतम 15 दिन का समय तय किया है। ज्यादातर विभाग इसी अवधि के बीच अनुमति प्रदान करने पर दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

इन विभागों के काम भी होंगे सुगम

ऊर्जा निगम, जल संस्थान, उद्योग, वन, सिंचाई आदि।

उद्योग विभाग की पहल पर काम

सबसे अधिक अनुमतियों की जरूरत उद्योग विभाग से संबंधित प्रतिष्ठानों को पड़ती है। उद्योग निदेशक एससी नौटियाल ने कहा कि यहीं से सभी प्रमुख विभागों की अनुमतियों के लिए कॉमन पोर्टल को तैयार करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उम्मीद है कि दिसंबर या जनवरी माह तक पोर्टल सेवा शुरू कर दी जाएगी।

ऐसे किया जाएगा भुगतान

प्राप्त की गई अनुमति के सापेक्ष भुगतान के लिए प्रमुख रूप से इंटरनेट बैंकिंग का विकल्प रहेगा। इसके अलावा अधिकारी पेटीएम, गूगल-पे आदि के माध्यम से भी भुगतान के विकल्प खोलने पर विचार कर रहे हैं।

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