होम्योपैथिक चिकित्सकों ने दून में भरी हुंकार

राज्य सरकार की उपेक्षा से आहत होम्योपैथिक चिकित्सकों ने गुरुवार को विधानसभा कूच किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 08:41 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 08:41 PM (IST)
होम्योपैथिक चिकित्सकों ने दून में भरी हुंकार
होम्योपैथिक चिकित्सकों ने दून में भरी हुंकार

जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य सरकार की उपेक्षा से आहत होम्योपैथिक चिकित्सकों ने गुरुवार को विधानसभा कूच किया। उन्हें पुलिस ने रिस्पना पुल से पहले बेरिकेडिंग पर रोक लिया। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई। जिस पर चिकित्सक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।

होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रणव ममगाईं ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सकों के प्रति राज्य सरकार का रवैया उदासीन बना हुआ है। एक तरफ प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी है, वहीं सरकार डिग्री धारक होम्योपैथिक चिकित्सकों को सरकारी अस्पतालों में सेवायोजित करने को तैयार नहीं है। वर्तमान में प्रदेश में 700 से अधिक डिग्रीधारक होम्योपैथिक चिकित्सक हैं, जो कि दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्रों में भी सेवा देने को तैयार हैं। जबकि बेहतर सैलेरी पैकेज व सुविधाओं के बाद भी एलोपैथिक चिकित्सक पहाड़ नहीं चढ़ रहे हैं। दूर-दराज के इलाकों में कई सरकारी अस्पताल फार्मासिस्ट के भरोसे हैं। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने होम्योपैथिक चिकित्सकों की मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर डॉ. गौतम पंवार, डॉ. कुलदीप ममगाईं, डॉ. विनीत काला, डॉ. विपिन, डॉ. संदीप भंडारी आदि मौजूद रहे। यह हैं मुख्य मांगें

- राज्य में 101 होम्योपैथिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव कर त्वरित कार्रवाई।

- एलोपैथिक चिकित्सकों की भांति होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी सरकारी अस्पतालों में सेवायोजित किया जाए।

-ईएसआई के अंतर्गत होम्योपैथी को भी शामिल कर होम्योपैथिक चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए।

-केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष कार्यक्रमों में होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी समान भागीदारी दी जाए।

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