योग विज्ञान को सिर्फ योगासन तक सीमित न रखें : धस्माना

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने योग के माध्यम से इम्यूनिटी बढ़ाने के गुर बताए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 08:00 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 08:00 PM (IST)
योग विज्ञान को सिर्फ योगासन तक सीमित न रखें : धस्माना
योग विज्ञान को सिर्फ योगासन तक सीमित न रखें : धस्माना

संवाद सूत्र, डोईवाला : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने योग के माध्यम से इम्यूनिटी बढ़ाने के गुर बताए।

वेबिनार में यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. विजय धस्माना ने बताया कि युवाओं में योग को लेकर रूचि तो बढ़ रही है। लेकिन, योग को सिर्फ योगासन तक ही सीमित रखा जा रहा है। जबकि योग एक समग्र विज्ञान है। उन्होंने बताया कि कोविड काल में हर तरफ निगेटिविटी है, लेकिन योग इससे उबरने की शक्ति प्रदान करता है। भय, मानसिक अवसाद, उदासीनता के बीच स्वस्थ मन के यह योग जरूरी है। वेबिनार में प्रति कुलपति डा. विजेंद्र चौहान ध्यान क्रिया की बारीकी से जानकारी दी। विभागाध्यक्ष डा. सोमलता झा व राहुल बलूनी ने भी योग के महत्व को समझाया।

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80 फीसद बीमारियां मन के विकार से उत्पन्न

कुलपति डा. विजय धस्माना ने बताया कि साल 1968 में गुरुदेव डा. स्वामी राम ने कहा था कि 80 फीसद बीमारियां मन के विकार से उत्पन्न से होती हैं। मन को संयमित करने के लिए ध्यान जरूरी है। ध्यान के माध्यम से इन बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। वर्तमान में अत्याधुनिक मेडिकल साइंस भी यही बात कह रहा है। उन्होंने बताया कि शरीर और मन के बीच की कड़ी श्वास है। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। मन का शांत होना। मन को शांत करने के लिए जरूरी है ध्यान। मन के शांत होने से हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

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ध्यान करने से हैं यह फायदा

- शारीरिक को भी शांत मिलती है।

- ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम को शांत करता है।

- मन में तनाव को भी कम करता है ध्यान

- रोग-प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है ध्यान।

- ध्यान करने से हमारी सोच की क्षमता विकसित होती है।

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