डीएलएड प्रशिक्षुओं ने शुरू किया बेमियादी अनशन, शिक्षक भर्ती में शामिल करने की मांग

एनआइओएस डीएलएड प्रशिक्षितों ने गांधी पार्क के सामने बुधवार से बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है। वे शिक्षक भर्ती में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। संगठन के अध्यक्ष कपिल देव ने कहा कि लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 07:41 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 10:57 PM (IST)
डीएलएड प्रशिक्षुओं ने शुरू किया बेमियादी अनशन, शिक्षक भर्ती में शामिल करने की मांग
एनआइओएस डीएलएड प्रशिक्षितों ने गांधी पार्क के सामने बुधवार से बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून : एनआइओएस डीएलएड प्रशिक्षितों ने गांधी पार्क के सामने बुधवार से बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है। वे शिक्षक भर्ती में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।

संगठन के अध्यक्ष कपिल देव ने कहा कि वर्ष 2017-2019 में एनआइओएस से देश के तमाम राज्यों के अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड करवाया गया।

जिसको एनसीटीई ने मान्यता भी दी। इसके बाद बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम, त्रिपुरा सहित कई राज्यों ने इनको नियुक्ति दी, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इनको अपनी वर्तमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य कर दिया है। जो कि बेरोजगारों के साथ अन्याय है। कहा कि जब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि (इग्नू) के डीएलएड को मान्यता दे रहे हैं तो एनआइओएस को क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि अब मांग पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा।

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सामूहिक अवकाश पर रहे एड्स कंट्रोल कार्यक्रम के कर्मचारी

रुड़की: सिविल अस्पताल रुड़की में बुधवार को एड्स कंट्रोल कार्यक्रम से जुड़े संविदाकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहे। इसके चलते अस्पताल में एचआइवी की जांच नहीं हो पाई। एआरटी (एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर से एचआइवी संक्रमित मरीजों को दवा भी नहीं मिल पाई।

आल इंडिया एड्स कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर एड्स नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े संविदाकर्मी एक सूत्री मांग को लेकर सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे एचआइवी की जांच नहीं हो पाई है। एड्स कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन उत्तराखंड ने राष्ट्रीय संगठन के आह्वान पर प्रदेश में सामूहिक अवकाश रखा। संगठन की ओर से मानदेय पुनरीक्षण कराए जाने की मांग को लेकर यह अवकाश रखा गया। सामूहिक अवकाश के कारण से एचआइवी जांच कराने आने वालों को दिक्कतें आईं।

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