जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा- कंटेनमेंट जोन के लिए आदेश का इंतजार न करें एसडीएम

जिस क्षेत्र या घर में कई व्यक्तियों में एक साथ कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं उनमें तत्काल कंटेनमेंट जोन (नियंत्रण क्षेत्र) बनाने की कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने सभी उपजिलाधिकारियों को जारी किया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 12:23 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 12:23 PM (IST)
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा- कंटेनमेंट जोन के लिए आदेश का इंतजार न करें एसडीएम
देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। जिस क्षेत्र या घर में कई व्यक्तियों में एक साथ कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, उनमें तत्काल कंटेनमेंट जोन (नियंत्रण क्षेत्र) बनाने की कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने सभी उपजिलाधिकारियों को जारी किया है। अब तक की प्रक्रिया में उपजिलाधिकारी कंटेनमेंट जोन बनाने की संस्तुति करते हैं और इसके बाद जिलाधिकारी कंटेनमेंट जोन बनाने का आदेश जारी करते हैं। इस प्रक्रिया में 24 घंटे से अधिक का समय भी लग जाता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति अन्य व्यक्तियों के संपर्क में भी आ जाते हैं। इस स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों को आदेश का इंतजार किए बिना तत्काल कंटेनमेंट जोन बनाने के आदेश दिए हैं।

इसके अलावा केंद्र सरकार की एसओपी के मुताबिक जिलाधिकारी ने आंशिक शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों व जनजातीय क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आ रहे संक्रमण के मामलों पर पैनी नजर रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि त्यूणी, चकराता, कालसी, साहिया, डोईवाला व रायपुर के पर्वतीय/ग्रामीण क्षेत्रों में टीम भेजकर एंटीजन जांच तेज की जाए। संबंधित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन किट व आइवरमैक्टिन दवा बांटी जाए। इसके लिए कहा गया कि यदि एसडीआरएफ मद में प्राप्त धनराशि खर्च कर दी गई है तो अग्रिम रूप से धन की मांग करना सुनिश्चित किया जाए।

कोटेशन के आधार पर करें पैरासिटामॉल व आइवरमैक्टिन की खरीद

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि अल्पकालिक चिकित्सा वस्तुओं की खरीद तत्काल कोटेशन व विभागीय दर के आधार पर कर दें। इसके तहत पैरासिटामॉल, आइवरमैक्टिन, एलेक्सो प्रोइमाइसिन, जिंक विटामिन सी, फॉलिक एसिड, डॉक्सी दवाओं के साथ ही मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट, ग्लव्स, फेसशील्ड, थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर की खरीद की जाए। वहीं, दीर्घकालिक वस्तुओं में जंबो सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, एंबुलेंस, बाईपेप, वेंटिलेटर, बेड्स आदि की खरीद उपकरणों की पूर्ण गारंटी के साथ की जाए। एंटीजन किट की खरीद प्रमाणित विक्रेता से ही करें। सभी संसाधन जनसंख्या के आधार पर 10 फीसद बढ़ाकर व्यवस्थित किए जाएं।

गांवों में तीन श्रेणी में बांटा जाए

जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वह गांवों को तीन श्रेणी में बांटे। पहली श्रेणी में उन क्षेत्रों को रखा जाए, जहां खांसी-जुकाम व बुखार के मामले सामने आ रहे हैं। यहां एंटीजन जांच तेज की जाए। इसके अलावा दूसरी श्रेणी में उन्हें रखा जाए, जहां विवाह समारोह हुए हैं या बाहर से व्यक्ति गांव पहुंचे हैं। इसके अलावा तीसरी श्रेणी में उन गांवों को रखा जाए, जहां किसी तरह की दिक्कत नहीं है। इसी के अनुरूप संक्रमण की रोकथाम के उपाय किए जाएं।

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