कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बोले- जिनके घर कांच के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं डालते

उत्‍तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ माह का समय शेष है। भाजपा चुनवा मोड में आ गई लेकिन नेताओं के विवाद से पार्टी की दिक्‍कतें बढ़ा दी हैं। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत में जुबनी जंग नहीं थम रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:46 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:56 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बोले- जिनके घर कांच के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं डालते
पूर्व मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पलटवार के बाद अब हरक सिंह रावत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।

राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच वार-पलटवार का सिलसिला अभी थमता नहीं दिखाई दे रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के हमले के बाद अब हरक सिंह रावत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। मीडिया से बातचीत में हरक ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास जितना ज्ञान है, वह उसी तरीके से बात करते हैं। हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिनके घर कांच के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं डाला करते।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंहरावत के दो दिन पहले उन्हें निशाना बनाकर दिए गए बयान पर आखिरकार कैबिनेट मंत्री हरक सिंहरावत ने चुप्पी तोड़ दी। त्रिवेंद्र ने बुधवार को हरक सिंहरावत के उस बयान, जिसमें हरक ने कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने ढैंचा बीज घोटाला मामले में त्रिवेंद्र को जेल जाने से बचाया था, पर तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि गधा जो होता है, ढैंचा ढैंचा करता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका (हरक का) चरित्र बहुत उज्ज्वल रहा है, चाहे आर्थिक हो, नैतिक हो, वैयक्तिक हो, सारी दुनिया जानती है।

त्रिवेंद्र के इस हमले और उसमें इस्तेमाल शब्दों से कैबिनेट मंत्री हरक खासे आहत नजर आए। हरक ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि त्रिवेंद्र सिंहरावत उनसे उम्र में बड़े हैं, लेकिन इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जाना उचित नहीं है। उन्हें व्यक्तिगत रूप से ऐसी टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए था कि किसी के सम्मान को ठेस न पहुंचे। हरक ने कहा कि उन्होंने कभी किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। किसी से राजनीतिक लड़ाई हो सकती है, राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने कभी बिलो द बेल्ट वाला काम नहीं किया। आगे उन्होंने कहा कि जिनके घर कांच के होते हैं, उन्हें दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं डालने चाहिए।

हालांकि उन्होंने साथ ही जोड़ा कि वह किसी पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, किसी की कही बात भी कभी आशीर्वाद की तरह होती है। वे जो भी कहें, उत्तराखंड की जनता, उत्तराखंड के लोग अच्छी तरह जानते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति ही नहीं, सामान्य व्यक्ति को भी किसी के बारे में कुछ कहने से पहले सोच-समझ लेना चाहिए। अलबत्ता अपने बयान पर वह अभी भी अडिग हैं। हरक ने कहा कि जो कुछ उन्होंने कहा था, उसमें एक अक्षर भी गलत नहीं। इस मामले से संबंधित पत्रावली में इन सब बातों का जिक्र है। हरीश रावत अब त्रिवेंद्र सिंह रावत की जितनी तारीफ करें, लेकिन यह सच है कि उन्होंने तब हरीश रावत को राजनीतिक कारणों से किसी के खिलाफ कार्रवाई न करने की सलाह दी थी।

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