उत्तराखंड: सब इंस्पेक्टर पद की संशोधित नियमावली को कैबिनेट पर नजर

पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रिक्त पदों को भरने के मामले में अब नजरें कैबिनेट पर टिकी हुई है। कैबिनेट ने शासन द्वारा बनाई गई संशोधित नियमावली को मंजूरी देने से पहले इस पर एक बार फिर चर्चा करने का निर्णय लिया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 03:25 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 03:25 PM (IST)
उत्तराखंड: सब इंस्पेक्टर पद की संशोधित नियमावली को कैबिनेट पर नजर
सब इंस्पेक्टर पद की संशोधित नियमावली को कैबिनेट पर नजर।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रिक्त पदों को भरने के मामले में अब नजरें कैबिनेट पर टिकी हुई है। कैबिनेट ने शासन द्वारा बनाई गई संशोधित नियमावली को मंजूरी देने से पहले इस पर एक बार फिर चर्चा करने का निर्णय लिया है। इसमें बैकलाग पदों को नई नियमावली अथवा पदोन्नति व रैंकर्स के जरिये भरे जाने पर फैसला लिया जाना है। माना जा रहा है कि कैबिनेट की अगली बैठक में संशोधित नियमावली पर मुहर लग जाएगी। 

शासन ने वर्ष 2018 में पुलिस इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर सेवा नियमावली 2018 तैयार की थी। इसमें सब इंस्पेक्टर के पदों को तीन हिस्सों में बांटा गया। व्यवस्था की गई कि सब इंस्पेक्टर के 34 फीसद पद सीधी भर्ती, 33 फीसद पद रैंकर्स और 33 फीसद पद वरिष्ठता के आधार पर भरे जाएंगे। नियमावली में सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री पदक हासिल करने वालों के लिए बोनस अंक का प्रविधान किया गया। 

इससे पहले सब इंस्पेक्टर के 50 फीसद पद सीधी भर्ती और 50 फीसद पद विभागीय लिखित परीक्षा, यानी रैंकर्स के जरिये भरे जाते थे। नई नियमावली को 2018 के बाद से लागू माना गया। इस पर कार्मिक विभाग ने गृह विभाग से जानना चाहा कि 2018 के पूर्व रिक्त पदों को पुरानी व्यवस्था से ही भरा जाएगा या नई व्यवस्था से, क्योंकि नियमावली में वर्ष 2018 से पूर्व की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। 

इस पर शासन ने नई नियमावली में संशोधन करते हुए पुराने बैकलाग के पदों को भी इसी आधार पर भरने का निर्णय लिया। यह मामला कैबिनेट के समक्ष लाया गया। इस पर दो मंत्रियों ने बैकलाग के पदों को भरने के लिए नई व्यवस्था का विरोध किया। उन्होंने पुराने पदों को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति और रैंकर्स के जरिये भरने की पैरवी की। मामले में एकराय न बनते देख इसे फिर से मंत्रिमंडल के सामने रखने का निर्णय लिया गया। ऐसे में अब सभी पुलिस कर्मियों, विशेषकर उम्रदराज पुलिस कर्मियों की नजर कैबिनेट की अगली बैठक पर टिकी हुई हैं।

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