ढबाड़ी रोटी और लहसुन-मिर्च की चटनी के साथ लगाए चटखारे, धाद संस्था ने किया कल्यो फूड फेस्टिवल का आयोजन
आज के भागदौड़ भरे जीवन में सब कुछ फटाफट चल रहा है। सेहतमंद भोजन की जगह फास्टफूड का चलन भी बढ़ा है। इसके चलते कम उम्र में ही मोटापे समेत तमाम रोग नागरिकों को जकड़ रहे हैं। ऐसे में सेहतमंद भोजन की जरूरत और बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: आज के भागदौड़ भरे जीवन में सब कुछ फटाफट चल रहा है। सेहतमंद भोजन की जगह फास्टफूड का चलन भी बढ़ा है। इसके चलते कम उम्र में ही मोटापे समेत तमाम रोग नागरिकों को जकड़ रहे हैं। ऐसे में सेहतमंद भोजन की जरूरत और बढ़ गई है। इसको देखते हुए धाद संस्था ने कल्यो फूड फेस्टिवल का आयोजन किया है। मालदेवता स्थित स्मृति वन में आयोजित फूड फेस्टिवल में पारंपरिक व्यंजन परोसे गए तो लोग खुद को रोक नहीं पाए और चटखारे लेकर सेहतमंद भोजन का लुत्फ उठाया।
ये व्यंजन परोसे गए
कल्यो फूड फेस्टिवल में ढबाड़ी रोटी (गहथ की उबली दाल को पीसकर रोटी के बीच भरना), मक्खन, लहसुन-मिर्च की चटनी परोसी गई। इसके अलावा झंगोरे का पोंगल, कुमाऊं के पीले रायते के साथ घुटों साग-भात, तिल-गुड़, केले का पुआ, मूली व नीबू की कचमोली के साथ लिंगड़े का अचार भी थाली का हिस्सा बना। इसके बाद जब गुड़ के साथ चाय की चस्की लगाई गई तो मजा और बढ़ गया।
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इससे पहले कल्यो फूड फेस्टिवल का उद्घाटन रायपुर क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ ने किया। लोक कलाकार शांति बिंजोला ने मांगल गीत प्रस्तुत कर फेस्टिवल का आगाज किया। क्षेत्रीय विधायक काऊ ने कहा कि आज के दौर में सेहतमंद भोजन से बेहतर कुछ नहीं। वहीं, धाद के सचिव तन्मय ममगार्ईं ने कहा कि आयोजन का मकसद उत्तराखंड के पारंपरिक अन्न व भोजन के पक्ष में माहौल तैयार करना है, ताकि हमारी हर पीढ़ी स्वस्थ रह सके। इसके माध्यम से पर्वतीय कृषि को भी बढ़ावा मिलेगा और पलायन भी थमेगा। कार्यक्रम में धाद के केंद्रीय अध्यक्ष लोकेश नवानी, साहित्यकार भारती पांडे, अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. जयंत नवानी, रवींद्र नेगी, तन्वी पाल, नीना, साकेत रावत, बृजमोहन उनियाल, किशन सिंह आदि उपस्थित रहे।
भोजन में फ्यूजन से नई पीढ़ी की दिलचस्पी बढ़ेगी
धाद के केंद्रीय अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा कि आज की पीढ़ी पोषण की जगह भोजन के स्वाद को तरजीह दे रही है। लिहाजा, पहाड़ी भोजन में फ्यूजन करने की जरूरत है, ताकि नई पीढ़ी भी सेहतमंद भोजन के प्रति दिलचस्पी दिखा सके।
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