डीजीपी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को पढ़ाया कर्तव्यनिष्ठा का पाठ, कहा- साइबर सेल में डमी नहीं, टैलेंट वाले अधिकारी बैठाएं

सैनिक सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में बढ़ रहे साइबर अपराध पर चिंता जताते हुए सभी पुलिस कप्तानों (एसएसपी/एसपी) को निर्देशित किया कि साइबर सेल में वर्कआउट बढ़ाएं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 03:09 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:44 PM (IST)
डीजीपी  ने अधिकारियों और कर्मचारियों को पढ़ाया  कर्तव्यनिष्ठा का पाठ, कहा- साइबर सेल में डमी नहीं, टैलेंट वाले अधिकारी बैठाएं
उत्तराखंड में बढ़ते अपराधों पर DGP ने जताई चिंता।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सैनिक सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में बढ़ रहे साइबर अपराध पर चिंता जताते हुए सभी पुलिस कप्तानों (एसएसपी/एसपी) को निर्देशित किया कि साइबर सेल में वर्कआउट बढ़ाएं। साइबर सेल में डमी नहीं बल्कि टैलेंट वाले सीओ और दारोगा बैठाएं। उन्होंने कहा कि सामान्य व्यक्ति की जीवनभर की कमाई साइबर ठग एक झटके में उड़ा लेते हैैं। साइबर ठगी के हर मामले के पीछे एक कहानी छिपी होती है। इसकी सच्चाई तभी पता चल पाएगी, जब केस पर वर्कआउट किया जाएगा। 

सोमवार को रेसकोर्स स्थित पुलिस लाइन में आयोजित सम्मेलन में डीजीपी ने बताया कि उत्तराखंड में अपराध में कमी आई है, मगर साइबर ठगी, महिला सुरक्षा, नशीले पदार्थों की तस्करी, यातायात नियमों का उल्लंघन आज भी पहाड़ से लेकर मैदान तक चुनौती बने हुए हैैं। इससे सख्ती से निपटने की जरूरत है। महिला अपराध को लेकर उन्होंने नैनीताल में हुए एक महिला सेमीनार का किस्सा सुनाया, जिसमें एक युवती ने उन्हें बताया कि उसे अक्सर छेडख़ानी का सामना करना पड़ता है। डीजीपी ने अधिकारियों से कहा कि जहां महिलाओं के साथ छेडख़ानी होती है, वह क्षेत्र चिह्नित कर हम वहां क्वालिटी पुलिसिंग क्यों नहीं करते।

नशे की रोकथाम के लिए कसे पेच

नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और तस्करी पर भी डीजीपी ने अधिकारियों के पेच कसे। उन्होंने कहा कि केवल जागरूकता से काम नहीं चलने वाला, सख्ती भी जरूरी है। ज्वालापुर की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां देहरादून और उत्तरकाशी से भी युवक नशा लेने जाते थे। लेकिन, अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई कि उनके क्षेत्र में नशा बिक रहा है और खुद पुलिसकर्मी इसमें शामिल हैैं। डीजीपी ने कहा कि वर्दी की आड़ में पुलिस की छवि खराब करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सभी सीओ और इंस्पेक्टर से ऐसे पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने के लिए कहा। साथ ही चेतावनी दी कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित सीओ व इंस्पेक्टर की जवाबदेही तय की जाएगी।

अब रैैंक और उम्र नहीं, काम देखकर दिया जाएगा पुलिस मेडल

सम्मेलन में डीजीपी ने यह भी कहा कि जो पुलिस अधिकारी या कर्मचारी अच्छा काम करेगा उसे सम्मानित किया जाएगा और जो गलत काम करेगा उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस मेडल अब रैैंक या उम्र नहीं, बल्कि काम देखकर दिया जाएगा।

थाने में आने वाले हर व्यक्ति की शिकायत दर्ज करें

सम्मेलन के दौरान डीजीपी ने एक बार फिर पुलिस को थाने में आने वाले हर व्यक्ति की शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस शिकायत दर्ज कर जांच करे। उसके बाद स्पष्ट होगा कि उस शिकायत पर मुकदमा दर्ज करना है या नहीं। उन्होंने हर शिकायत को गंभीरता से लेने की हिदायत देते हुए कहा कि आजकल लड़ाई-झगड़े के हर मामले में मारपीट का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। झगड़े में अगर किसी व्यक्ति का सिर फूट जाता है तो आरोपित के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया जाता। इसके लिए चिकित्सक की रिपोर्ट का इंतजार क्यों किया जाता है। जब पुलिस के पास धाराएं घटाने और बढ़ाने का अधिकार है तो दारोगा इसका इस्तेमाल भी करें। 

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