'साथी' के स्टेट लांप बोलीं स्वास्थ्य महानिदेशक, एचआइवी प्रिविलेंस में स्थिति बेहतर, पर अभी काफी काम बाकी

एचआइवी सेंटिनल सर्विलांस के आंकड़ों के अनुसार देश में 2.1 प्रतिशत की तुलना में उत्तराखंड में एचआइवी प्रिविलेंस 1.3 प्रतिशत है। यह कम जरूर है पर अभी इस ओर बहुत काम किया जाना है। स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने ये बात कही।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 02:52 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 02:52 PM (IST)
'साथी' के स्टेट लांप बोलीं स्वास्थ्य महानिदेशक, एचआइवी प्रिविलेंस में स्थिति बेहतर, पर अभी काफी काम बाकी
एचआइवी प्रिविलेंस में स्थिति बेहतर, पर अभी काफी काम बाकी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। वर्ष 2019 के एचआइवी सेंटिनल सर्विलांस के आंकड़ों के अनुसार देश में 2.1 प्रतिशत की तुलना में उत्तराखंड में एचआइवी प्रिविलेंस 1.3 प्रतिशत है। यह कम जरूर है, पर अभी इस ओर बहुत काम किया जाना है। स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने एड्स और टीबी की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार की ओर से चयनित संस्थान 'साथी' के स्टेट लांच पर यह बात कही, इसके तहत प्रदेश में एचआइवी एड्स और टीबी से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम होने हैं।

सुभाष रोड स्थित होटल में उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य महानिदेशक ने यह उम्मीद जताई कि संस्था संबंधित चिकित्सकों, परामर्शदाताओं आदि का प्रशिक्षण समय से पूरा कराएगी। उन्होंने सभी जनपदों के अधिकारियों से सहयोग की अपील की। साथी की परियोजना निदेशक लक्ष्मी रामकृष्णन ने मां से बच्चे को होने वाले एचआइवी संक्रमण की रोकथाम व सभी कारागार में एचआइवी, टीबी, हेपेटाइटिस एवं सिफलिस की जांच व उपचार के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।

इसके बाद द फेडरेशन आफ आब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलाजी सोसाइटीज आफ इंडिया की अध्यक्ष डा. मीनू वैश्य ने साथी व उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति की ओर से पीपीपी मोड में चल रहे कार्यक्रम व यूसैक्स के अपर परियोजना निदेशक डा. मयंक बडोला ने जेल इंटरवेंशन कार्यक्रम के विषय में जानकारी दी। साथी की प्रियंबदा मोहंती ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद दिया।

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इस दौरान जेलर पवन कुमार कोठारी, विभिन्न जनपदों के क्षयरोग नियंत्रण अधिकारी, उप निदेशक वित्त संतराम पांचाल, संयुक्त निदेशक आइईसी अनिल सती सहित राज्य एड्स नियंत्रण समिति ते विभिन्न कार्यक्रम अधिकारी, टीएसयू व सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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