नवरात्र के सातवें दिन भक्तों ने मां कालरात्रि से की खुशहाली की कामना

चैत्र नवरात्र के सातवें दिन भक्तों ने मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना कर खुशहाली की कामना की। मंदिर और घरों में मां का विशेष पूजन हुआ। कोरोनाकाल के चलते मंदिरों में भक्तों की संख्या सीमित रही।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:11 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:43 PM (IST)
नवरात्र के सातवें दिन भक्तों ने मां कालरात्रि से की खुशहाली की कामना
मंदिर और घरों में मां का विशेष पूजन हुआ। कोरोनाकाल के चलते मंदिरों में भक्तों की संख्या सीमित रही।

जागरण संवाददाता, देहरादून : चैत्र नवरात्र के सातवें दिन भक्तों ने मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना कर खुशहाली की कामना की। मंदिर और घरों में मां का विशेष पूजन हुआ। कोरोनाकाल के चलते मंदिरों में भक्तों की संख्या सीमित रही।  प्राचीन टपकेश्वर महादेव मंदिर में मंदिर के महंत कृष्णा गिरी महाराज ने बताया कि माता कालरात्रि का स्वरूप बेहद खास है। मां के शरीर का रंग काला है, बाल बिखरे और गले में बिजली सी चमकने वाली माला है। ये त्रिनेत्रों वाली हैं।

ये तीनों ही नेत्र ब्रह्मांड के समान गोल हैं। इनकी सांसों से अग्नि निकलती रहती है। ये गर्दभ(गधे) की सवारी करती हैं। ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा भक्तों को वर देती हैं। श्री सनातन धर्म मंदिर, प्रेमनगर के पुजारी कृष्ण प्रसाद ने देवी की विधि विधान से पूजा अर्चना कर विश्व शांति की कामना की। वहीं, महिला मंडली के विभिन्न सुंदर भजनों से माहौल भक्तिमय हो उठा। इस अवसर पर सुभाष माकिन, अवतार कौल, रवि भाटिया, नरेंद्र खत्री, बलविंदर मैनी, कांता चावला आदि मौजूद रहे।

ढोल की थाप पर मां कालिका की पूजा

कालिका मंदिर में आयोजित 68वें ध्वजारोहण महोत्सव के शक्ति महासम्मेलन के समापन पर ढोल दमाऊ की धुन थाप पर मां कालिका की भव्य आरती की हुई। इससे पहले सोमवार सुबह मंदिर के पुजारी चंद्र प्रकाश ममगाई ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर देशवासियों की खुशहाली की कामना की। जिसके बाद 27 ब्राह्मणों ने मां दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। 

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महासम्मेलन में प्रवचन देते हुए स्वामी हरि ओम काका महाराज, स्वामी सर्वेश बापू महाराज, स्वामी शुक्रदेवाचार्य महाराज ने कहा कि हमारे भीतर ही सारी क्रियाओं का निर्वहन शक्ति से ही हो रहा है। धर्म एवं कर्म के मार्ग में शक्ति ही कार्य करती है। महासम्मेलन के समापन के मौके पर मंदिर समिति की वाॢषक पुस्तिका शक्ति सुधा का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर जय किशन कक्कड़, रमेश साहनी, नरेश मैनी, अशोक लांबा, मोहित बांगा आदि मौजूद रहे।

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