मांदड़ी गांव में देवदर्शन को उमड़े श्रद्धालु, किया स्वागत

कालसी मुराद पूरी होने पर सिद्धपीठ महासू चालदा देवता मंदिर थैना से डोरिया और छड़ी मांदड़ गांव पहुंची। देवदर्शन को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमडी भक्तों ने देव पूजन किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 06:08 AM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 06:08 AM (IST)
मांदड़ी गांव में देवदर्शन को उमड़े श्रद्धालु, किया स्वागत
मांदड़ी गांव में देवदर्शन को उमड़े श्रद्धालु, किया स्वागत

संवाद सूत्र, कालसी: मुराद पूरी होने पर सिद्धपीठ महासू चालदा देवता मंदिर थैना से डोरिया और छड़ी विकासनगर ब्लॉक के मांदड़ी गांव में एक रात के प्रवास पर पहुंचे तो ग्रामीण श्रद्धालुओं का देवदर्शन को तांता लग गया। डोरियों के मांदड़ी पहुंचते ही ग्रामीणों ने दूध, चावल, फूल-मालाओं से स्वागत किया और जयकारे लगाए, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

तहसील कालसी के मूल निवासी ग्राम काहा भुपाल सिंह तोमर हाल निवासी मांदड़ी वर्तमान में ऊर्जा निगम में कनिष्ठ अभियंता के पद पर तैनात हैं। उनके परिवार की बहुत पुरानी मन्नत पूरी होने पर देवता के डोरिया और छड़ी एक रात प्रवास के लिए घर पर पूजा के लिए लाए। जौनसार-बावर क्षेत्र में मान्यता है कि सिद्धपीठ महासू देवता मंदिर हनोल व थैना में कोई भी परिवार या श्रद्धालु अपने परिवार की सुख, शांति, खुशहाली, समृद्धि व न्याय के लिए सिद्ध पीठ जाकर मन्नत मांगते हैं। मनोकामना पूरी होने पर देवता को एक रात के प्रवास पर घर लान होता है। देवता के कारसेवक, वजीर, भंडारी, पुजारी, राजगुरू, ठाणी, डंडवारी और ग्रामीण मंदिर से चिन्हों को लेकर उनके घर पहुंचते हैं और विधि-विधान से छप्पर या खिड़की से घरों में देवता को प्रवेश कराया जाता है। पूरे विधान से पूजा की जाती है और क्षेत्र में व परिवार में खुशी व शांति स्थापित करने के लिए मन्नतें की जाती हैं। प्रवास के बाद दूसरे दिन विधि विधान से देव चिह्न मंदिर के लिए वापस विदा होते हैं। मांदड़ी गांव में देवता के वजीर बलदेव सिंह तोमर, भंडारी हाकम, पुजारी मुन्ना राम भट्ट, संतराम भट्ट, दीवान भंडारी, मोहर सिंह भंडारी, विक्रम राजगुरु, राकेश तोमर उत्तराखंडी, चंद्रमोहन तोमर, चमन सिंह तोमर, मोहर सिंह तोमर, माली उदय, श्रीचंद, शमशेर माली आदि मौजूद रहे।

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