चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह, 15 अक्टूबर तक के लिए होटल, लाज व धर्मशालाएं फुल

बीते दो वर्षों से नाउम्मीदी के वातावरण में जी रहे चारधाम रूट के कारोबारियों को अब लगने लगा है कि खुशियां जल्द वापस लौट आएंगी। यात्रा शुरू होने के पहले दिन से ही अच्छी-खासी तादाद में श्रद्धालु चारों धाम पहुंच रहे हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:02 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:02 AM (IST)
चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह, 15 अक्टूबर तक के लिए होटल, लाज व धर्मशालाएं फुल
संक्रमण से बचने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाना बेहद जरूरी

देहरादून, स्टेट टीम। लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। कोरोना की पहली व दूसरी लहर के चलते जो श्रद्धालु बीते दो साल से चारधाम दर्शनों को नहीं आ पाए, वे अब इस अवसर को नहीं गंवाना चाहते। यही कारण है कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट पर ई-पास बनाने को श्रद्धालुओं में होड़-सी लगी हुई है। देश के लगभग हर राज्य, खासकर ओडिशा, बंगाल, महाराष्ट्र व केरल से बड़ी तादाद में श्रद्धालु होटल-धर्मशालाओं में एडवांस बुकिंग करवा रहे हैं। 15 अक्टूबर तक के लिए चारों धाम के यात्रा रूट व पड़ावों पर होटल, लाज व धर्मशालाएं बुक हो चुकी हैं। इससे न केवल होटल व परिवहन कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं, बल्कि छोटे दुकानदार भी बेहद खुश हैं। बीते दो साल से नाउम्मीदी के वातावरण में जी रहे इन व्यवसायी और दुकानदारों को अब लगने लगा है कि खुशियां जल्द वापस लौट आएंगी।

मौसम जरूर अभी राहत देने के मूड में नजर नहीं आ रहा, बावजूद इसके यात्रा शुरू होने के पहले दिन से ही अच्छी-खासी तादाद में श्रद्धालु चारों धाम पहुंच रहे हैं। हालांकि इस सबके बीच ऐसे व्यक्तियों की भी कमी नहीं है, जो कोरोना गाइडलाइन को दरकिनार कर बिना ई-पास बनाए चारधाम पहुंचने की हिमाकत कर रहे हैं। इन्हें इस बात की भी परवाह नहीं कि उनकी जरा-सी लापरवाही यात्रा को संकट में डाल सकती है। इसीलिए ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ प्रशासन को मुकदमा दर्ज करने जैसे सख्त कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा है। यह जरूरी भी है। कुछ व्यक्तियों की खातिर पूरे परिवेश को तो नहीं बिगाड़ा जा सकता। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना अभी गया नहीं है। जहां भी लापरवाही बरती जा रही है, संक्रमण न सिर्फ वापस लौट रहा है, बल्कि विकराल रूप भी धारण कर रहा है। संक्रमण से बचने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाना बेहद जरूरी है।

चारधाम यात्रा में भी जो अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है, उसके पीछे भी ध्येय यही है कि कोरोना दोबारा पैर न पसारे। खासकर मास्क और दो गज की दूरी से तो कतई समझौता नहीं किया जा सकता। लेकिन कुछ गैरजिम्मेदार व्यक्तियों के कारण चारधाम यात्रा में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। इस पर कड़ाई से नियंत्रण पाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा यात्रा के दौरान कोविड टीकाकरण पर भी विशेष जोर दिया जाना चाहिए। ताकि माहौल सकारात्मक बना रहे। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इन सारे पहलुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए आगे बढ़ेगी।

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