Devasthanam Board: सीएम धामी बोले, देश काल और परिस्थिति के अनुसार लिया अधिनियम वापस लेने का निर्णय

Devasthanam Board देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को वापस लेने का निर्णय देशकाल व परिस्थिति को देखते हुए लिया गया है। भविष्य में चारधाम और इनकी परिधि में आने वाले मंदिरों के लिए और अधिक सुदृढ़ व्यवस्था बनाई जाएगी। इसमें सभी का सहयोग लिया जाएगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:47 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:47 AM (IST)
Devasthanam Board: सीएम धामी बोले, देश काल और परिस्थिति के अनुसार लिया अधिनियम वापस लेने का निर्णय
सीएम धामी बोले, देश काल और परिस्थिति के अनुसार लिया अधिनियम वापस लेने का निर्णय।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को वापस लेने का निर्णय देशकाल व परिस्थिति को देखते हुए लिया गया है। भविष्य में चारधाम और इनकी परिधि में आने वाले मंदिरों के लिए और अधिक सुदृढ़ व्यवस्था बनाई जाएगी। इसमें सभी का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने सभी से अपना आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री आवास में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने चार जुलाई को मुख्य सेवक के रूप में काम करना शुरू किया। इस दौरान हक-हकूकधारी, रावल, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहितों की कई बातें सामने आईं। इस पर सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति बनाई। समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद उन्होंने मुख्य सेवक के रूप में अधिनियम वापस लेने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि को आने वाले समय में देश की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी बनाने के लिए सभी का सहयोग चाहिए। देश को 2025 तक अग्रणी व श्रेष्ठ राज्य बनाने में सभी का सहयोग लेकर कार्य करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सरकार का कोई भी निर्णय अच्छे नहीं लग रहे हैं। इसलिए वह टीका टिप्पणी कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले भी उन्होंने कहा था कि किसी के अधिकार नहीं छिनने चाहिए और पुराने अधिकार बने रहने चाहिए। मुख्यमंत्री बनने पर कहा था कि मंदिर समिति को इससे मुक्त किया जाएगा। हमने इस पर बैठक भी की थी। जिस प्रक्रिया को हमने शुरू किया, आज उसे पूरा किया गया।

इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है। भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा वह सरकार के देवस्थानाम बोर्ड अधिनियम वापस लेने के निर्णय का स्वागत करते हैं। भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास के लिए समर्पित है। धामों की भव्यता और व्यवस्था सुव्यवस्थित हो, इसके लिए भाजपा की सरकारें पूर्ण रूप से संकल्पित हैं। सभी वर्गों और धाम की व्यवस्था से जुड़े व्यक्तियों की भावनाओं के अनुरूप एक सुंदर व्यवस्था तैयार की जाएगी, जिसमें श्रद्धालुओं को भी सुगमता होगी और हक-हकूकधारियों के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले पंडा-पुरोहित व हक-हकूकधारियों के साथ पार्टी का एक प्रतिनिधमंडल मिला था। पूर्व में जब वह केदारनाथ गए थे तो वहां पंडा, पुरोहित व हकहकूकधारियों के साथ इस संबंध में दो घंटे बैठक की।

संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा और उसके बाद विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। पूर्व सांसद तरुण विजय ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पुजारियों को शासकीय पेंशन की सुविधा दी जाए।

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