लघु सिंचाई के तीन सेवानिवृत्त अभियंताओं पर विभागीय कार्रवाई

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नैनीताल के भीमताल क्षेत्र में 14 साल पहले लघु सिंचाई विभाग द्वारा सिंचाई गूलों के बजट को ठिकाने लगाने के मामले में तीन सेवानिवृत्त अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 07:05 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 07:05 AM (IST)
लघु सिंचाई के तीन सेवानिवृत्त अभियंताओं पर विभागीय कार्रवाई
लघु सिंचाई के तीन सेवानिवृत्त अभियंताओं पर विभागीय कार्रवाई।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही प्रदेश सरकार इन दिनों एक्शन में है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नैनीताल के भीमताल क्षेत्र में 14 साल पहले लघु सिंचाई विभाग द्वारा सिंचाई गूलों के बजट को ठिकाने लगाने के मामले में तीन सेवानिवृत्त अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को मंजूरी दे दी है। लघु सिंचाई विभाग में वर्ष 2002-03 से 2006-07 के बीच राज्य में गूलों के निर्माण के लिए आंवटित बजट में फर्जीवाड़ा हुआ था। बात सामने आई थी कि भीमताल क्षेत्र में बिना गूल बनाए ही धनराशि हड़पी गई। बाद में इस मामले की जांच के लिए जस्टिस बीसी कांडपाल की अध्यक्षता में एकल जांच आयोग गठित किया गया था।

आयोग ने विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता की निरीक्षण रिपोर्ट और सतर्कता अधिष्ठान द्वारा उपलब्ध कराई गई जांच आख्या और संस्तुतियों के क्रम में तत्कालीन तीन अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की थी। अब इस मामले में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने तत्कालीन तीनों अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मंजूरी दी है। इनमें भीमताल ब्लाक में कार्यरत तत्कालीन अवर अभियंता कमलेश भट्ट, सहायक अभियंता (अधिशासी अभियंता) सुरेश चंद्रा और अधिशासी अभियंता परमजीत सिंह बग्गा शामिल हैं। तीनों ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

हल्द्वानी बेस चिकित्सालय में निर्माण को 39 लाख जारी

शासन ने बेस अस्पताल हल्द्वानी (हार्ट सेंटर) में श्रेणी-4 के आवास निर्माण के लिए दूसरी किस्त के रूप में 39.33 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। सोमवार को सचिव प्रभारी डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने महानिदेशक स्वास्थ्य को इस संबंध में स्वीकृति जारी की। प्रभारी सचिव ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि इस कार्य की पहली किस्त के रूप में 69.61 लाख की धनराशि पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है। यह भी कहा गया है कि अवशेष कार्य प्रारंभ करने से पहले सक्षम अधिकारी से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करनी जरूरी होगी। कार्य में उतना ही खर्च किया जाएगा, जितने की स्वीकृति मिली है।

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