सरकार की सजगता और सैलानियों का सहयोग, राज्यभर में रविवार से अलर्ट मोड पर है मशीनरी; विभागों में भी दिखा तालमेल
उत्तराखंड से मानसून के विदा होने के 10 दिन बाद गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र में आई आपदा से सैलानियों को कुछ परेशानी जरूर हुई लेकिन समय पर बरती गई एहतियात इसे सीमित रखने में सफल रही। कुछ स्थानों पर व्यवस्था बेहतर न होने से दिक्कतें आई।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड से मानसून के विदा होने के 10 दिन बाद गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र में आई आपदा से सैलानियों को कुछ परेशानी जरूर हुई, लेकिन समय पर बरती गई एहतियात इसे सीमित रखने में सफल रही। रविवार से मौसम खराब होने का पूर्वानुमान मिलते ही सरकार ने इसे न केवल गंभीरता से लिया, बल्कि राज्यभर में मशीनरी को अलर्ट कर दिया। इस दौरान विकट परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में जाने से पर्यटकों को रोका गया तो सैलानियों ने भी मौसम के हिसाब से अपने कार्यक्रमों में तब्दीली की। हालांकि, कुछ स्थानों पर व्यवस्था बेहतर न होने से दिक्कतें आई, लेकिन पर्यटक बड़े संकट से बच गए।
मौसम विभाग ने रविवार से राज्य में मौसम बिगडऩे का पूर्वानुमान जारी किया तो सरकार ने इसे गंभीरता से लिया। अयोध्या के दौरे पर गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार सुबह वहीं से मुख्य सचिव से बारिश और बचाव एवं राहत कार्यों की तैयारियों की जानकारी ली। अयोध्या से लौटते ही मुख्यमंत्री ने स्वयं मोर्चा संभाल लिया। कुमाऊं क्षेत्र में आपदा के ज्यादा असर को देखते हुए वहां सेना और वायुसेना की मदद भी ली जा रही है।
इस बीच सरकार ने राज्य में आए पर्यटकों, तीर्थयात्रियों से संयम बरतने की अपील की, इसका असर भी हुआ। प्रशासन ने चारधाम यात्रा मार्गों के पड़ावों पर यात्रियों को रोका तो चारों धामों में फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पर्यटकों व तीर्थयात्रियों ने भी सहयोग दिया और अतिवृष्टि व भू-स्खलन की आशंका के मद्देनजर जो जहां थे, वहीं रुक गए। इस दौरान कुछेक जगह भोजन, ठहरने के दामों में वृद्धि की बात आईं, लेकिन सरकार और मशीनरी तक शिकायत पहुंचने पर समाधान को तत्काल कदम उठाए गए।
अब जबकि मौसम सामान्य है तो केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा शुरू हो चुकी है, लेकिन जोशीमठ से आगे मार्ग बाधित होने से बदरीनाथ आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। इसके अलावा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फिलहाल पर्यटन गतिविधियां प्रभावित हैं, मगर आगे मौसम साफ रहने के पूर्वानुमान के मद्देनजर स्थिति जल्द सामान्य हो जाएगी। इस सबको देखते हुए अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सैलानियों व तीर्थयात्रियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की जा रही है।
एडवाइजरी के मुख्य बिंदु पर्यटन व तीर्थाटन को अन्य राज्यों से आने वाले लोग मौसम व सड़कों का अपडेट जरूर लें पर्यटक स्थलों में होटल, धर्मशाला, आश्रम, होम स्टे, गेस्ट हाउस या अन्य पंजीकृत आवासीय सुविधा में ठहरें चेक इन के समय अनावश्यक भीड़भाड़ से बचने के लिए प्री बुकिंग अवश्य कराएं आपदा से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में फिलहाल जाने से बचें, बीमार व्यक्ति यात्रा से करें परहेज
आपात स्थिति में फंसे तो क्या करें
यदि सैलानी किसी आपात स्थिति में फंस जाएं या फिर उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत हो तो वे संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस व आपदा प्रबंधन विभाग की हेल्पलाइन पर संपर्क करें। सभी जिलों में जगह-जगह हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी सार्वजनिक स्थलों पर अंकित है।
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ओवर रेटिंग पर करें शिकायत
यदि किसी क्षेत्र में होटल, रेस्टोरेंट आदि में ओवर रेटिंग होती है तो पुलिस व प्रशासन से इसकी शिकायत करें। बीते रोज केदारनाथ और केदारनाथ यात्रा मार्ग पर यात्रियों से अधिक रेट लिए जाने की शिकायत मिलने पर प्रशासन चौकन्ना हो गया है। मंडलायुक्त रविनाथ रमन के अनुसार केदारनाथ में शिकायत की पड़ताल में बात सामने आई कि होटलों में कमरों के रेट बढ़ाए गए थे। इस पर वहां तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि यदि भोजन व ठहरने के मामले में ओवर रेटिंग की शिकायत आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना है कि सरकार की ओर से सैलानियों व तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। सतर्कता के मद्देनजर सैलानियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की जा रही हैै। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पानी, बिजली जैसी सुविधाओं की बहाली को युद्धस्तर पर काम हो रहा है और एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी।
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