Uttarakhand Weather: भूस्खलन से दिन में तीन बार बंद हुआ मसूरी-चकराता राजमार्ग

मसूरी-चकराता हाईवे पर कैम्पटी फाल से लगभग चार किमी आगे काण्डीखाल में भी बारिश के कारण चट्टान खिसकने और बोल्डर व मलबा गिरने से सड़क खतरे का सबब बनी हुई है।

By Edited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:02 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 09:06 PM (IST)
Uttarakhand Weather: भूस्खलन से दिन में तीन बार बंद हुआ मसूरी-चकराता राजमार्ग
Uttarakhand Weather: भूस्खलन से दिन में तीन बार बंद हुआ मसूरी-चकराता राजमार्ग

मसूरी, जेएनएन। पर्वतीय क्षेत्रों में मानसून दुश्वारियां खड़ी करने लगा है। मसूरी-चकराता हाईवे पर कैम्पटी फॉल से लगभग चार किमी आगे कांडीखाल में भी बारिश के कारण चट्टान खिसकने और बोल्डर और मलबा गिरने से सड़क खतरे का सबब बनी हुई है। 

गुरुवार को तड़के हुई मूसलाधार बारिश से यहां पुल के समीप दिनभर सड़क पर बोल्डर और मलबा गिरता रहा। जिससे तीन बार सड़क पूरी तरह बंद हुई और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। हालांकि, एक जेसीबी यहां लगातार मलबा हटाने में लगी है। शाम को मार्ग पर यातायात सुचारू था। काण्डीखाल पुल का निर्माण लगभग एक साल पहले हुआ था। लेकिन, कार्यदायी संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग की डोईवाला डिविजन ने पुल बनाने के बाद पहाड़ी की तरफ कोई नाली नहीं बनाई। 
इससे बारिश का पानी पुल से होते हुए सड़क पर आ रहा है और पुश्तों में जा रहा है। इससे पुश्ते टूट गए हैं। काण्डीखाल निवासी जबर वर्मा ने बताया कि पुल के समीप लगातार भूस्खलन हो रहा है। नाली न बनी होने के कारण बारिश के पानी से पुश्ते टूट गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों के कई खेत और पांच घराट पुल निर्माण की भेंट चढ़ गए, लेकिन अभी तक ग्रामीणों को उनका मुआवजा नहीं दिया गया है। 
वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग की डोईवाला डिविजन के अवर अभियंता नरेंद्र सकलानी ने बताया कि भूस्खलन को देखते हुए एक जेसीबी दो दिन से पुल के पास तैनात है। पानी की निकासी के लिए सड़क के किनारे पहाड़ी की तरफ नाली बनवाई जाएगी। दो ग्रामीणों को उनकी जमीन का मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं, केंद्र सरकार की नियमावली में घराट का कोई मुआवजा दिए जाने का प्रावधान नहीं है। घराट का मुआवजा राज्य सरकार दे सकती है।
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