जिलाधिकारी नैनीताल के आदेशों पर तुरंत रोक लगाने की मांग, जानिए क्या है पूरा मामला

जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता द्वितीय वृत्त को सदस्य नामित करने के विरोध में इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश से मुलाकात की।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:40 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:40 AM (IST)
जिलाधिकारी नैनीताल के आदेशों पर तुरंत रोक लगाने की मांग, जानिए क्या है पूरा मामला
जिलाधिकारी नैनीताल के आदेशों पर तुरंत रोक लगाने की मांग।

देहरादून, जेएनएन। जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता द्वितीय वृत्त को सदस्य नामित करने के विरोध में इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश से मुलाकात की। फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष एससी पांडेय और प्रांतीय महासचिव जितेंद्र सिंह देव ने कहा कि जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से लगातार अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी पदीय मर्यादा के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है। अधीक्षण अभियंता का पद मंडल स्तरीय है और मुख्य विकास अधिकारी से वरिष्ठ पद है। वरिष्ठ अधिकारी को कनिष्ठ के अधीन काम करवाना वरिष्ठ का मनोबल तोड़ने के समान है।

पदाधिकारियों ने कहा कि जिलाधिकारी ने ऐसे आदेश जारी किए हैं, जो मुख्य सचिव और विभागीय सचिवों की ओर से निर्गत आदेशों के प्रतिकूल हैं। विभागीय सचिव के आदेश के बाद भी जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से जनपदीय अधिकारियों का वेतन रोकने के आदेश निरस्त नहीं किए गए हैं। डीएम नैनीताल के व्यवहार के कारण पूरे प्रदेश के अभियंता आक्रोशित हैं। जल्द ही इस मामले में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया और अनुचित आदेशों पर रोक नहीं लगाई तो प्रदेश के अभियंता आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर मुख्य सचिव ने शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। 

इस मौके पर अभियंता मुकेश कुमार महासचिव उत्तराखंड पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन, प्रवीण कुमार राय अध्यक्ष अधिशासी अभियंता एसोसिएशन, आरएस बडोनी महासचिव सिंचाई विभाग अभियंता संघ भी मौजूद रहे।

सीएस के सामने यह मांगें भी रखीं

फेडरेशन ने मुख्य सचिव के सामने मांग रखी कि लोनिवि में सीधी भर्ती से नियुक्त सहायक अभियंताओं को द्वितीय एसीपी पर 8700 का लाभ न देकर 7600 का लाभ दिया जा रहा है, इस विसंगति को दूर किया जाए।  कोरोना काल में शासन की ओर से स्थानांतरण पर रोक लगाने के बावजूद विभिन्न तकनीकी विभागों में स्थानांतरण किए गए हैं। स्थानांतरण को तुरंत निरस्त किया जाए। मुख्य सचिव के 2012 के आदेशानुसार जिलाधिकारी को जनपदीय अधिकारियों के आकस्मिक अवकाश के स्वीकृति का अधिकार दिया गया है, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है। इस आदेश में संशोधन किया जाए।  राज्य सरकार के अधीन प्रशासन, चिकित्सा विभाग, पुलिस विभाग, अभियंत्रण विभाग और वन विभाग के आपसी समन्वय से विकास कार्य कराए जाते हैं, लेकिन अंतर विभागीय प्रोटोकॉल जारी न होने के कारण एक विभाग के निम्न अधिकारी दूसरे विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारी से भी अमर्यादित व्यवहार पत्राचार किया जाता है। इसलिए अंतर विभागीय सामंजस्य को बनाने के लिए अंतर विभागीय प्रोटोकॉल मुख्य सचिव स्तर से जारी किया जाए।  विभिन्न अभियंत्रण विभागों में सीधी भर्ती के सहायक अभियंता के पद रिक्त हैं। इन पदों को तत्काल भरने की मांग की गई।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: शिक्षक संघ की मांग, फर्जी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे विभाग

chat bot
आपका साथी