छोटी दीपावली पर सार्वजनिक अवकाश की मांग की, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र
उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने छोटी दीपावली पर सार्वजनिक अवकाश की मांग की। उन्होने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। उसमें उन्होंने कहा कि दीपावली के दौरान सरकारी सेवाओं में कार्यरत सरकारी कर्मचारी दूरदराज अपने घरों को जाते हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी संघ ने छोटी दीपावली के अवसर पर तीन नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र में कहा है कि दीपावली के दौरान सरकारी सेवाओं में कार्यरत सरकारी कर्मचारी दूरदराज अपने घरों को जाते हैं। छोटी दीपावली पर सरकार ने सार्वजनिक अवकाश न घोषित करते हुए निर्बंधित अवकाश घोषित किया है। इसे देखते हुए निर्बंधित अवकाश को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने 3.67 करोड़ के कार्यों को दी स्वीकृति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में 3.67 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत ऊधमसिंह नगर के विधानसभा क्षेत्र खटीमा के चार निर्माण कार्यों के लिए 2.19 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत उत्तरकाशी के विधानसभा क्षेत्र पुरोला के विकासखंड नौगांव से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के सुधार को 51.14 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही विधानसभा पुरोला के अंतर्गत त्यूनी-पुरोला-नौगांव राजमार्ग पर क्रैश बेरियर व पैराफिट लगाने को 96.14 लाख रुपये की वित्तीय व प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
मृत्युंजय कुमार मिश्रा को जीवन निर्वाह भत्ता देने के आदेश
शासन को आखिरकार आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के निलंबित पूर्व कुलसचिव डा मृत्युंजय कुमार मिश्रा को जीवन निर्वाह भत्ता देने के आदेश देने पड़े। आयुष शिक्षा सचिव चंद्रेश यादव ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद से डा मृत्युंजय कुमार मिश्रा को अनियमितता के चलते 27 अक्टूबर, 2018 को निलंबित किया गया था। इसके बाद दो अगस्त, 2019 को डा मिश्रा के आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में समायोजन को निरस्त कर मूल विभाग उच्च शिक्षा में वापस भेजा गया था। उस समय मृत्युंजय के पुलिस अभिरक्षा में होने की वजह से उनके निलंबन समाप्ति के संबंध में निर्णय नहीं लिया जा सका था। अब शासन ने उन्हें निलंबन अवधि तक जीवन निर्वाह भत्ता देने के आदेश विश्वविद्यालय को दिए हैं।
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