ISBT से जुदा नहीं है दून रेलवे स्टेशन का हाल, यहां हिचकोले खाते हैं वाहन; गड्ढ़ों के होते हैं दर्शन

दून रेलवे स्टेशन का हाल भी कुछ ठीक नहीं है। यहां की जो सड़क सहारनपुर रोड पर मिलती है उस भाग पर गड्ढों की भरमार है। ये गड्ढे हाल में नहीं हुए बल्कि पिछले दो साल से वाहन चालक यहां पर हिचकोले खा रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 02:20 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:23 PM (IST)
ISBT से जुदा नहीं है दून रेलवे स्टेशन का हाल, यहां हिचकोले खाते हैं वाहन; गड्ढ़ों के होते हैं दर्शन
ISBT से जुदा नहीं है दून रेलवे स्टेशन का हाल, यहां हिचकोले खाते हैं वाहन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। रेलवे स्टेशन का हाल भी आइएसबीटी (अंतरराज्जीय बस टर्मिनल) से जुदा नहीं है। ये दोनों ही स्थान दून के प्रवेश स्थल हैं और यहां पैर रखते ही यात्रियों को गड्ढों के दर्शन होते हैं। रेलवे स्टेशन की जो सड़क सहारनपुर रोड पर मिलती है, उस भाग पर गड्ढों की भरमार है। ये गड्ढे हाल में नहीं हुए, बल्कि पिछले दो साल से वाहन चालक यहां पर हिचकोले खा रहे हैं। दून के प्रवेश स्थलों की ऐसी दुर्दशा बताती है कि अधिकारियों को शहर की कितनी परवाह है।

रेलवे स्टेशन के इस भाग को मिलाकर प्रिंस चौक से सहारनपुर रोड तक सड़क पर 150 के करीब गड्ढे हैं। इसके चलते करीब डेढ़ किमी लंबे भाग पर वाहन चालक झटके खाने को विवश रहते हैं। लक्खीबाग पुलिस चौकी से सहारनपुर चौक के बीच स्थिति बेहद खराब है। लक्खीबाग को जाने वाली सड़क के बाहर सीवर लाइन का चैंबर भी पिछले दो साल से क्षतिग्रस्त है। जिसके चलते दुपहिया चालक यहां पर चोटिल होते रहते हैं। इससे 20 मीटर आगे सहारनपुर रोड पर सीवर लाइन के दो चैंबर सड़क पर करीब पांच इंच तक ऊपर उठे हैं। कुल मिलाकर सड़क सुरक्षा के जो मानक अपनाए जाने चाहिए, वह सिरे से गायब हैं।

सड़क की एक लेन चौड़ी की और तीन फीट भाग अनुपयोगी हो गया

व्यस्ततम समय में वाहनों का दबाव सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक की तरफ अधिक रहता है। यह लेन 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक वाहनों से पैक रहती है। लिहाजा, इस लेन की चौड़ाई बढ़ाने के लिए प्रिंस चौक से सहारनपुर चौक की तरफ डिवाइडर को तीन फीट तक खिसका दिया गया। इस तोडफ़ोड़ के चलते सड़क का जो भाग उखड़ा, उसे डेढ़ साल से दुरुस्त नहीं किया जा सका है। वहीं, प्रिंस चौक के पास डिवाइडर शिफ्टिंग के बाद भी बिजली के खंभों को शिफ्ट नहीं किया गया। ऐसे में खंभों और डिवाइडर के बीच भी अच्छा खासा अंतर पैदा हो गया है। जाहिर है इस अतिरिक्त चौड़ाई का वाहन चालकों को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा। 

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देहरादून के जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने कहा, 'दैनिक जागरण' के माध्यम से सड़क संबंधी जो समस्याएं प्रकाश में लाई जा रही हैं, उनके समाधान के लिए लोनिवि के संबंधित खंडों को अवगत कराया जा रहा है। ताकि शीघ्र समस्या का समाधान कराया जा सके।

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