Dehradun News: स्थायी लोक अदालत का आदेश, ब्याज सहित क्लेम की राशि अदा करे बीमा कंपनी

देहारदून में स्थायी लोक अदालत ने वाहन दुर्घटना के एक मामले में न्यू इंडिया इंश्योरेंस को क्लेम के तीन लाख 37 हजार रुपये ब्याज सहित देन के आदेश जारी किए हैं। पीड़ित पक्ष मैसर्स त्यागी मोटर्स की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया था।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 02:20 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 02:20 PM (IST)
Dehradun News: स्थायी लोक अदालत का आदेश, ब्याज सहित क्लेम की राशि अदा करे बीमा कंपनी
स्थायी लोक अदालत का आदेश, ब्याज सहित क्लेम की राशि अदा करे बीमा कंपनी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। वाहन दुर्घटना के एक मामले में स्थायी लोक अदालत ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस को क्लेम के तीन लाख 37 हजार रुपये ब्याज सहित देन के आदेश जारी किए हैं। पीड़ित पक्ष मैसर्स त्यागी मोटर्स की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया था कि उनके ग्राहक ने 2019 में एक वाहन खरीदा था। वाहन स्वामी ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से वाहन का बीमा करवाया था, जोकि 27 फरवरी 2019 से 26 फरवरी 2020 तक वैध था।

उन्होंने बताया कि 30 मई 2019 को जुड्डो, देहरादून के निकट उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वाहन के स्वामी की ओर से इसकी सूचना इंश्योरेंस कंपनी को दी गई। इंश्योरेंस कंपनी ने अपना सर्वेयर भेजकर वाहन का सर्वे कराया, जिसमें वाहन को ठीक करने में सात लाख 51 हजार रुपये का खर्च आने का आकलन किया गया। इसके बाद वाहन स्वामी ने सभी दस्तावेज इंश्योरेंस कंपनी को भेज दिए। वाहन स्वामी की ओर से क्षतिग्रस्त वाहन में आए पांच लाख 37 हजार रुपये का एस्टीमेट इंश्योरेंस कंपनी को भेजा।

इंश्योरेंस कंपनी की ओर से 30 मई 2019 को यह कहकर बीमा क्लेम खारिज कर दिया गया कि दुर्घटना के समय वाहन को जो चालक चला रहा था, उसका ड्राइविंग लाइसेंस पहाड़ी क्षेत्र में चलाने के लिए वैध नहीं था। मामला विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष भी समझौते के लिए गया लेकिन दोनों पक्षों में समझौता नहीं हो पाया।

यह भी पढ़ें- उपभोक्ता फोरम ने कहा फर्जी ट्रांजेक्शन के लिए बैंकिंग प्रणाली की खामी जिम्मेदार

इसके बाद मैसर्स त्यागी मोटर्स की ओर से स्थायी लोक अदालत के समक्ष प्रार्थना पत्र दायर किया गया। सोमवार को अदालत के अध्यक्ष राजीव कुमार ने आदेश जारी किया कि इंश्योरेंस कंपनी ने गलत तथ्यों के आधार पर क्लेम खारिज किया था। उन्होंने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक को ब्याज सहित क्लेम की राशि देने के लिए आदेशित किया।

यह भी पढ़ें- Bima Claim: बीमा कंपनी को तीस दिन में देना होगा क्लेम, चालक के लाइसेंस को आधार बना किया था क्लेम

chat bot
आपका साथी