काला नमक करते हैं इस्तेमाल तो सावधान हो जाएं, एफएसएसएआइ के निर्देश पर हुई छापेमारी में ये बात आई सामने

काला नमक इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइये क्योंकि बाजार में बिक रहे काले नमक की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं। इसमें सामान्य नमक भी मिलाकर बेचा जा रहा है। एफएसएसएआइ ने इन शिकायतों का संज्ञान लेकर सभी राज्यों को काले नमक की सघन सैंपलिंग के निर्देश दिए।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:19 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:19 PM (IST)
काला नमक करते हैं इस्तेमाल तो सावधान हो जाएं, एफएसएसएआइ के निर्देश पर हुई छापेमारी में ये बात आई सामने
काला नमक करते हैं इस्तेमाल तो सावधान हो जाएं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अगर आप काला नमक इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइये, क्योंकि बाजार में बिक रहे काले नमक की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं। इसमें सामान्य नमक भी मिलाकर बेचा जा रहा है। भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने इन शिकायतों का संज्ञान लेकर सभी राज्यों को काले नमक की सघन सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं।

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गुरुवार को वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह के नेतृत्व में शहर में तीन जगह काले नमक के सैंपल लिए। दो सैंपल बलबीर रोड और एक देहराखास से लिया गया है। इसके अलावा टर्नर रोड से खुले दूध के दो और देहराखास से क्रीम, सिंघल मंडी से खाद्य तेल, हरिद्वार बायपास स्थित पिज्जा हट से सीजनिंग व बलबीर रोड से नमकीन का एक-एक सैंपल उन्होंने लिया।

उन्होंने बताया कि काले नमक को ठंडी तासीर का माना जाता है। यह पेट की गैस, जलन आदि में राहत पहुंचाता है। नकली काला नमक बिना आयोडीन वाले नमक से बनता है। यह शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है।इसे लेकर एफएसएसएआइ ने एडवाइजरी जारी की है। जिसे देखते हुए सैंपलिंग की जा रही है। इसके अलावा त्योहारी सीजन को देखते हुए दूध, दुग्ध उत्पाद व खाद्य पदार्थों की नियमित सैंपलिंग की जा रही है।

अभियान नियमित रूप से चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में अभी तक 41 सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया है। इधर, सैंपलिंग को लेकर अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी सामने आयी है। जिला अभिहित अधिकारी तक से जानकारी साझा नहीं की जा रही। जिला अभिहित अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को कहा गया है कि वह समय से कार्रवाई से अवगत कराएं और मेल के जरिये भी जानकारी भेजें। ताकि उच्चाधिकारियों को कार्रवाई से समय से अवगत कराया जा सके।

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