18 सूत्री मांगों को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी, पांच अक्टूबर को रोष रैली निकालने की दी चेतावनी

सरकारी कर्मचारियों की 18 सूत्री मांगों को लेकर बनाए गए साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने अब सड़क पर उतर कर आंदोलन शुरू कर दिया है। एसीपी व्यवस्था लागू करने पुरानी पेंशन बहाली समेत 18 मांगों पर कर्मचारियों ने सचिवालय कूच कर विरोध जताया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 01:20 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 01:20 PM (IST)
18 सूत्री मांगों को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी, पांच अक्टूबर को रोष रैली निकालने की दी चेतावनी
18 सूत्री मांगों को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी, पांच अक्टूबर को रोष रैली निकालने की दी चेतावनी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य में सरकारी कर्मचारियों की 18 सूत्री मांगों को लेकर बनाए गए साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने अब सड़क पर उतर कर आंदोलन शुरू कर दिया है। सोमवार को एसीपी व्यवस्था लागू करने, पुरानी पेंशन बहाली समेत 18 मांगों पर कर्मचारियों ने सचिवालय कूच कर विरोध जताया। हालांकि, सचिवालय से पहले कुछ ही दूरी पर पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर उनको रोक लिया। कर्मचारियों ने यहीं पर करीब दो घंटे विरोध जताया। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने कर्मचारियों से ज्ञापन स्वीकार कर शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद कर्मचारी वापस लौटे।

सोमवार को उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले कलेक्ट्रेट व तहसील से लेकर आरटीओ, नगर निगम, ऊर्जा निगम, विकास भवन, पेयजल निगम, जल संस्थान, कृषि विभाग, उद्यान, रोडवेज समेत पशुपालन आदि विभागों व निगमों के कर्मचारी सुबह 11 बजे से परेड ग्रांउड पर जुटना शुरू हुए। यहां से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कर्मचारी करीब 12 बजे सचिवालय की ओर बढ़े।

कूच कर रहे कर्मचारियों को सचिवालय से पहले ही पुलिस ने रोक लिया, जिसके बाद कर्मचारियों ने करीब दो बजे तक यहीं धरना एवं नारेबाजी की। समिति के संयोजक सुनील दत्त कोठारी ने कहा कि शासन स्तर के अधिकारी कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहे। उन्होंने कहा कि एक ओर तो अधिकारियों के रहन-सहन पर करोड़ों खर्च हो रहा है दूसरी ओर आम कर्मचारियों की मामूली मांगें भी पूरी नहीं होती। मुख्य संयोजक ओमबीर सिंह ने कहा कि जब तक कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होती तब तक प्रदेशभर में उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पांच अक्टूबर से पहले मांगें पूरी नहीं हुई तो पांच को प्रदेश स्तर से सभी कर्मचारी दून आकर फिर से सचिवालय या मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। विरोध जताने वालों में अरुण पांडे, चंद्र बुडलाकोटी, प्रताप सिंह, सुनील दत्त, पूर्णानंद नौटियाल, नंद किशोर, हरीश चंद्र, शक्ति प्रसाद, पंचम सिंह बिष्ट, दिनेश गुसाईं समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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कार्मिकों की मुख्य मांगें

-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों, शिक्षकों, निगम, निकाय, पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।  

-गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का समाधान हो। 

-पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल हो।  

- वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैटर्न के तहत ग्रेड वेतन 4800 रुपये में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए। 

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