2051 की आबादी के लक्ष्य के लिए तैयार हो रहा दून, मजबूत किया जा रहा सीवरेज, पेयजल और निकासी नेटवर्क
2021 की जनगणना नहीं हो पाई है। पिछली जनगणना 2011 के आंकड़ों को देखें तो दून के विभिन्न हिस्सों में आबादी का ग्राफ 30 से 35 फीसद तक बढ़ा है। आबादी में निरंतर इजाफा हो रहा है लिहाजा मूलभूत सुविधाएं सिमट रही हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण के चलते 2021 की जनगणना नहीं हो पाई है। पिछली जनगणना 2011 के आंकड़ों को देखें तो दून के विभिन्न हिस्सों में आबादी का ग्राफ 30 से 35 फीसद तक बढ़ा है। आबादी में निरंतर इजाफा हो रहा है, लिहाजा मूलभूत सुविधाएं सिमट रही हैं। इसलिए, राज्य सरकार ने वर्ष 2051 तक की अतिरिक्त आबादी (करीब साढ़े पांच लाख) के लक्ष्य को देखते हुए 11 क्षेत्रों में सीवरेज, पेयजल व जल निकासी की योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। अच्छी बात यह है कि 938 करोड़ रुपये की इन योजनाओं के ऋण पर मंगलवार को केंद्र सरकार व एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) ने अंतिम हस्ताक्षर किए। ऋण पर हस्ताक्षर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा व एडीबी के निदेशक (भारत) ताकोओ कोनिशी ने किए।
राजधानी के 11 क्षेत्रों में (नत्थनपुर, मोहकमपुर, मिंयावाला, बालावाला, हर्रावाला, नकरौंदा, बंजारावाला, मोथरोवाला, केदारपुरम, टीएचडीसी कालोनी व यमुना कालोनी) शामिल हैं। संभावना है कि आने वाले समय में इन क्षेत्रों में आबादी का ग्राफ सर्वाधिक होगा। अतिरिक्त सचिव रजत कुमार ने कहा कि एडीबी पोषित योजनाओं का लाभ देहरादून के साथ ही नैनीताल को भी मिलेगा।
दोनों ही शहरों में आबादी का दबाव काफी अधिक है, लिहाजा वर्ष 2051 की आबादी के लक्ष्य तय कर संसाधन अभी से जुटाने होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि 938 करोड़ रुपये की योजनाओं के धरातल पर उतरने के बाद भविष्य की जरूरतों की पूर्ति हो पाएगी। इस अवसर पर उत्तराखंड के शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली, उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी (यूयूएसडीए) के कार्यक्रम निदेशक अभिषेक रूहेला, अपर कार्यक्रम निदेशक (तकनीकी) विनय मिश्रा आनलाइन माध्यम से जुड़े।
वर्ष 2051 तक लक्षित आबादी व प्रस्तावित योजनाएं
नत्थनपुर, मोहकमपुर, मिंयावाला, बालावाला, हर्रावाला व नकरौंदा क्षेत्र
अगले 30 साल में यहां की एक लाख सात हजार की अतिरिक्त लक्षित आबादी के लिए 109 किमी सीवर लाइन बिछाई जाएगी और 9471 सीवर के कनेक्शन निश्शुल्क दिए जाएंगे। वहीं, 18 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा 19 किमी भाग पर वर्षा जल निकासी के लिए नालियों का नेटवर्क बनेगा।
बंजारावाला, मोथरोवाला व केदारपुरम क्षेत्र
वर्ष 2051 तक आबादी का लक्ष्य एक लाख 78 हजार के करीब रखा गया है। लिहाजा, यहां 137 किमी भाग पर पेयजल नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। आठ ट्यूबवेल व ओवरहैड टैंक निर्माण के अलावा 117 किमी भाग पर सीवर नेटवर्क भी बिछाया जाएगा। सीवर निस्तारण के लिए 11 एमएलडी का एसटीपी भी योजना में प्रस्तावित है। तीनों क्षेत्रों सीवर के 6314 कनेक्शन निश्शुल्क दिए जाएंगे। वर्षा जल निकासी की बात करें तो 69 किमी भाग पर नालियों का जाल बिछाया जाएगा।
टीएचडीसी कालोनी व यमुना कालोनी क्षेत्र
अगले 30 साल के हिसाब से आबादी के 36 हजार के अतिरिक्त लक्ष्य के लिए 26 किमी सीवर नेटवर्क व 37 किमी जल निकासी का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
तीन से चार साल में पूरी होंगी योजनाएं
यूयूएसडीए के कार्यक्रम निदेशक अभिषेक रूहेला ने बताया कि सभी योजनाओं को तीन से चार साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। योजनाओं के पूरा होने के बाद पांच साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होगी।
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