कैबिनेट की नियमावली मानने से देहरादून के सीएमओ का इन्कार

अधीनस्थ आबकारी सेवा की जिस नियमावली के आधार पर आबकारी निरीक्षक के पद पर पदोन्नति होती आई है उसे देहरादून के सीएमओ ने मानने से इन्कार कर दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 09:57 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 09:57 AM (IST)
कैबिनेट की नियमावली मानने से देहरादून के सीएमओ का इन्कार
कैबिनेट की नियमावली मानने से देहरादून के सीएमओ का इन्कार

देहरादून, सुमन सेमवाल। अधीनस्थ आबकारी सेवा की जिस नियमावली के आधार पर आबकारी निरीक्षक के पद पर पदोन्नति होती आई है, उसे देहरादून के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) ने मानने से इन्कार कर दिया है। इस नियमावली के आधार पर आबकारी मुख्यालय ने 16 कार्मिकों के शारीरिक दक्षता परीक्षण की जिम्मेदारी सीएमओ को सौंपी थी। सीएमओ ने विभाग के दो सहायक आयुक्तों की मौजूदगी मेंइन कार्मिकों का परीक्षण भी किया। मगर, अब परिणाम जारी करने की जगह इस परीक्षण को अव्यवहारिक बता दिया है। साथ ही सलाह दी है कि इस नियमावली में परिवर्तन करने की जरूरत है। सीएमओ स्तर के अधिकारी के ऐसे जवाब से आबकारी मुख्यालय के अधिकारी हैरान हैं।

अपर आबकारी आयुक्त (प्रशासन) ने शारीरिक दक्षता परीक्षण संबंधी पत्र सीएमओ को 30 जून को भेजा था। उन्होंने कहा था कि सेवा नियमावली-2015 के तहत यह परीक्षण किया जाना है। जिसमें पुरुष अभ्यर्थियों के लिए ऊंचाई व सीने की चौड़ाई, जबकि महिला अभ्यर्थियों के लिए ऊंचाई व वजन का मानक तय किया गया है। इसी के अनुरूप सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने 16 अभ्यर्थियों (कार्मिकों) की शारीरिक दक्षता का परीक्षण किया। हालांकि, अब उन्होंने अपर आबकारी आयुक्त (प्रशासन) को पत्र लिखकर कहा है कि महज ऊंचाई, वजन और सीने की माप से शारीरिक दक्षता का आकलन करना संभव नहीं है। चूंकि आबकारी निरीक्षक फील्ड का पद है तो पदोन्नति के लिए फिजीशियन, नेत्र, ईएनटी, अस्थि रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग (महिला कार्मिकों के लिए) से जांच कराई जानी चाहिए।

अचानक रोका गया परिणाम

आबकारी निरीक्षक के पदों पर पदोन्नति के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी ने एक जुलाई को अपर आयुक्त को पत्र लिखा था। इस पत्र में सेवा नियमावली के अनुरूप परीक्षण का जिक्र था। तब सीएमओ ने ही कहा था कि सभी कार्मिकों को परीक्षण के लिए आइडी प्रूफ के साथ भेजा जाए। इसके बाद अचानक वह इस नियमावली पर ही सवाल उठाने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो छह कार्मिक इस परीक्षण में फेल हो गए हैं और इसी के चलते नियमावली को मानने से इन्कार किया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2017-18 में जब पदोन्नति की गई तो उसकी प्रक्रिया भी यही थी। इस मामले में सीएमओ डॉ. बीसी रमोला का कहना है कि फील्ड पदों को देखते हुए नियमावली में संशोधन का सुझाव दिया गया है।

पदोन्नति में नहीं स्वास्थ्य परीक्षण

नियमावली के मुताबिक आबकारी विभाग में नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य परीक्षण की बाध्यता है, जबकि पदोन्नति के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र को बाहर रखा गया है।

सुशील कुमार (आबकारी आयुक्त उत्तराखंड) का कहना है कि आबकारी विभाग की अधीनस्थ सेवा नियमावली में जिन मानकों का जिक्र है, उसी का पालन कराया जाएगा। मुख्य चिकित्साधिकारी इस नियमावली को मानने से इन्कार नहीं कर सकते हैं।

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