ऋषिकेश के 13 खसरा नंबरों की रजिस्ट्री पर लगाई गई रोक, जानिए वजह
रेरा में रजिस्ट्रेशन न कराने पर ऋषिकेश के 13 खसरा नंबरों पर रोक लगाई गई है। अग्रिम आदेश तक संबंधित भूखंडों पर रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकेगी। ऋषिकेश तहसील के रैनापुर ग्रांट क्षेत्र में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को लेकर रेरा में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में रजिस्ट्रेशन न कराने पर ऋषिकेश के 13 खसरा नंबरों पर रोक लगाई गई है। अग्रिम आदेश तक संबंधित भूखंडों पर रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकेगी। ऋषिकेश बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शीशराम कंसवाल ने ऋषिकेश तहसील के रैनापुर ग्रांट क्षेत्र में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को लेकर रेरा में शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में उन्होंने कहा कि प्लॉटिंग से पहले न तो एमडीडीए से ले-आउट पास कराया गया है, न ही रेरा में पंजीकरण कराया गया है। 500 वर्गमीटर से अधिक के भूखंड पर प्लॉटिंग करने के लिए रेरा में पंजीकरण अनिवार्य है। प्रकरण की सुनवाई करते हुए रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने भी पाया कि संबंधित भूखंड का रेरा में पंजीकरण नहीं कराया गया है। उन्होंने यह भी पाया कि यहां के 13 खसरा नंबरों पर प्लॉटिंग की जा रही है और भूखंड बेचे भी जा रहे हैं। ऐसे में निवेशकों का हित कभी भी खतरे में पड़ सकता है।
लिहाजा, रेरा अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर आग्रह किया कि वह सभी उपनिबंधक (भूमि) को आदेश जारी करें कि संबंधित खसरा नंबर पर रजिस्ट्री न कराई जाए। आदेश की प्रति एमडीडीए उपाध्यक्ष को भी भेजी गई। ताकि बिना ले-आउट पास कराकर की जा रही प्लॉटिंग पर एमडीडीए अपने बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप कार्रवाई कर सके। उधर, आदेश की एक प्रति महानिरीक्षक स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन को भी जारी की गई है। ताकि वह जिलाधिकारी के साथ समन्वय बनाकर आदेश का अनुपालन करा सकें।
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