Deccan Queen Express: भारत की पहली सुपर फास्ट ट्रेन का बदलेगा लुक, 22 जून से यात्रियों को होगा प्लेन में बैठने जैसा अनुभव
Deccan Queen Express आगामी 22 जून से डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस अपने नए कलेवर के साथ दौड़ेगी। 22 जून से डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस हाफमैन बुश (एलएचबी) डिब्बों के साथ चलेगी। ट्रेन मे विस्टाडोम कोच भी लगाया गया है जो यात्रियों को अंदर से प्लेन में बैठने जैसा अनुभव देगा।
जागरण टीम, देहरादून : Deccan Queen Express : भारत की सबसे पहली सुपर फास्ट ट्रेन डेक्कन क्वीन अब नए रूप में दिखाई देगी। आगामी 22 जून से यह अपने नए कलेवर के साथ दौड़ेगी। जिससे यात्रियों का सफर पहले से और ज्यादा आरामदायक हो जाएगा।
हाफमैन बुश (एलएचबी) डिब्बों के साथ चलेगी डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस
डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस ट्रेन महाराष्ट्र के दो सबसे प्रमुख शहरों मुंबई और पुणे के बीच चलती है। भारतीय रेलवे में अपनी तरह की यह एकमात्र ट्रेन है, जिसके पास रेस्टोरेंट कार है और अब यह ज्यादा खास हो जाएगी। क्योंकि 22 जून से डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस हाफमैन बुश (एलएचबी) डिब्बों के साथ चलेगी।
यात्रियों को अंदर से प्लेन में बैठने जैसा होगा अनुभव
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक डेक्कन क्वीन के लगने बाले एलएचबी के डिब्बे लाल-हरे रंग के होंगे। नए लुक वाली ट्रेन मे विस्टाडोम कोच भी लगाया गया है, जो यात्रियों को अंदर से प्लेन में बैठने जैसा अनुभव देगा।
ये सुविधाएं मिलेंगी
रेलवे ने हाफमैन बुश कोचों में बदलने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि यह कोच पुराने कोचों की तुलना में अधिक सुरक्षित और आरामदायक हैं। एलएचबी कोच वाली डेक्कन क्वीन में चार एसी चेयर कार, आठ सेकेंड क्लास चेयर कार, एक विस्टाडोम कोच, एक एसी डाइनिंग कार और एक सामान्य सेकेंड क्लास कोच होगा।
महाराष्ट्र के पुणे और मुंबई के बीच चलती है डेक्कन एक्सप्रेस
गौरलतब है कि डेक्कन क्वीन की शुरुआत एक जून, 1930 को सात कोचों के साथ महाराष्ट्र के पुणे और मुंबई के दो प्रमुख शहरों के बीच हुई थी। इसका नाम पुणे के नाम पर रखा गया था। पुणे को 'दक्खन की रानी' के रूप में भी जाना जाता है। इसी के तहत इस ट्रेन का नाम डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस रखा गया।
शुरुआत में ट्रेन को सात डिब्बों के दो रेक के साथ चलाया गया था। जिनमें से प्रत्येक डिब्बे को लाल और रायल नीले रंग से रंगा गया था। उस समय मूल रेक के कोचों के अंडरफ्रेम इंग्लैंड में बनवाए गए थे। कोच की बाडी जीआईपी रेलवे के माटुंगा वर्कशाप में बनाए गए थे।