उत्तराखंड : अभी भी जारी हो सकेगा कोरोना से मृत्यु का प्रमाण पत्र, यहां करना होगा आवेदन
प्रदेश सरकार ने अब ऐसे व्यक्तियों को भी राहत देने के लिए कदम उठाया है जिनके पास अपने स्वजन की कोरोना से मृत्यु होने का प्रमाण पत्र नहीं है। इसके लिए एडीएम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश सरकार ने अब ऐसे व्यक्तियों को भी राहत देने के लिए कदम उठाया है, जिनके पास अपने स्वजन की कोरोना से मृत्यु होने का प्रमाण पत्र नहीं है। इसके लिए एडीएम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी, जो आवेदनों का परीक्षण करने के बाद 30 दिनों के भीतर यह तय करेगी कि संबंधित व्यक्ति की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है। इसके बाद स्वजन को उनके मरीजों का कोरोना से मृत्यु होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। इससे वह भी सरकार द्वारा घोषित 50 हजार रुपये की सहायता के पात्र हो जाएंगे।
केंद्र सरकार की घोषणा के क्रम में प्रदेश सरकार ने भी कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों के स्वजन को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्वजन को संबंधित जिलाधिकारियों के समक्ष कोरोना से मृत्यु होने संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। कोरोना के दौरान यह देखने में आया था कि अस्पतालों में कई मरीजों को जो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए, उनमें इसका कारण कोरोना नहीं बताया गया, जबकि मृतक कोरोना से पीड़ित थे।
इसका कारण यह बताया गया कि मरीजों की मृत्यु लिवर अथवा किडनी में अत्याधिक संक्रमण की वजह से हुई, इसलिए कारण भी वही लिखे गए। यह अव्यवस्था शासन के समक्ष में भी लाई गई थी। अब सरकार अधिक से अधिक कोरोना से मृत व्यक्तियों के स्वजन को यह सहायता देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जिन व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई थी और उनके स्वजन को इसका प्रमाण पत्र नहीं मिला, उनके लिए नई व्यवस्था की गई है।
इसके लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। इस समिति के सामने स्वजन कोरोना से मृत्यु का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन करेगा। यह समिति आवेदन की गहराई से जांच करने के बाद नए सिरे से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेगी। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।