उत्तराखंड में आकाशीय बिजली की चेतावनी देगा दामिनी एप, पढ़िए खबर

उत्तराखंड में अब मोबाइल एप के जरिये आकाशीय बिजली गिरने की संभावना का पता चल सकेगा। उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र ने भी अपनी वेबसाइट पर दामिनी एप का लिंक जारी कर दिया है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 09:59 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 09:10 PM (IST)
उत्तराखंड में आकाशीय बिजली की चेतावनी देगा दामिनी एप, पढ़िए खबर
उत्तराखंड में आकाशीय बिजली की चेतावनी देगा दामिनी एप, पढ़िए खबर

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में अब मोबाइल एप के जरिये आकाशीय बिजली गिरने की संभावना का पता चल सकेगा। भारतीय मौसम विभाग के दामिनी एप का लिंक उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र ने भी अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया है। इस एप पर जीपीएस लोकेशन के 40 किलोमीटर परिधि में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना को लेकर पूर्व चेतावनी मिल जाएगी।

आइआइटीएम पुणो की ओर से तैयार किया गया दामिनी एप आकाशीय बिजली गिरने की सूचना देता है। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध दामिनी एप आपकी जीपीएस लोकेशन के आधार पर मोबाइल लोकेशन से 40 किलोमीटर की परिधि में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी देता है। इसके अलावा एप पर बचाव और उपाय के तरीके भी बताए गए हैं।

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अधिकारिक वेबसाइट पर एप का लिंक डाल दिया गया है। जिसे डाउनलोड कर आकाशीय बिजली गिरने की संभावना वाले क्षेत्रों में जाने से बचा जा सकता है।

आकाशीय बिजली गिरने के संकेत 

आकाशीय बिजली चमक रही है और आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं व त्वचा में झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे झुककर कान बंद कर लें। क्योंकि यह इस बात का सूचक है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।

किसानों के लिए मेघदूत एप 

मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मेघदूत एप भी जारी किया गया है, जो मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार खेतीबाड़ी के लिए महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराता है।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में आफत की बारिश, तीन की मौत; सड़कें हो रही हैं बंद

बिजली गिरने पर यह करें

-जंगल में होने पर निचले स्थान की ओर जाएं और छोटे पेड़ों की आड़ लें।

-खुले मैदान में होने पर खड्ड या घाटी की ओर जाएं।

-पानी में होने पर तुरंत जमीन पर आएं और शेल्टर की तलाश करें।

-बिजली का झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को सीपीआर, कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेंशन यानि कृत्रिम सांस देनी चाहिए। तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, गंगोत्री हाईवे बंद; छह जिलों में अलर्ट

chat bot
आपका साथी