तूफान से उड़ी कई घरों की छत, बागवानी चौपट लोग बेहाल

चकराता शनिवार तड़के मौसम के एकाएक करवट बदलने से जौनसार-बावर क्षेत्र में चले भीषण आंधी तूफान ने काफी तबाही मचाई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 12:26 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 12:26 AM (IST)
तूफान से उड़ी कई घरों की छत, बागवानी चौपट लोग बेहाल
तूफान से उड़ी कई घरों की छत, बागवानी चौपट लोग बेहाल

संवाद सूत्र, चकराता: शनिवार तड़के मौसम के एकाएक करवट बदलने से जौनसार-बावर क्षेत्र में चले भीषण आंधी-तूफान ने काफी तबाही मचाई। कुदरत के कहर बरपाने से क्षेत्र में कई ग्रामीणों के कच्चे आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गए। तूफान के चलते सीमांत इलाके में कई घरों की छत उड़ गई। बेघर हुए प्रभावित परिवारों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई। तूफान से जौनसार-पछवादून में जगह-जगह पेड़ गिरने से हाइटेंशन और एलटी लाइन क्षतिग्रस्त होने से नौ बिजलीघरों से जुड़े सैकड़ों गांवों में विद्युत आपूर्ति भी बाधित रही। इसके अलावा बगीचों में फलों से लकदक पेड़ भी धराशाई हो गए। स्थानीय प्रशासन तूफान से हुए नुकसान का आंकलन कर रहा है।

आंधी-तूफान ने जौनसार में जमकर कहर बरपाया। रात करीब साढ़े तीन बजे तेज बारिश के साथ आए भीषण आंधी-तूफान के चलते चकराता प्रखंड से जुड़े सीमांत अटाल पंचायत के फेडिज गांव में जगतराम, पंजिया और जीतू के तीन आवासीय कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा नंदू, रालो देवी व सूपी देवी की लकड़ी से निर्मित रसोईघर और भगतराम की गोशाला तूफान से क्षतिग्रस्त हो गई। तूफान के चलते मोल्टा रेंज के खूनीगाड़ बीट के जंगल से सटे बस्ती क्षेत्र में गोरखा समाज के दो परिवारों के लकड़ी से निर्मित कच्चे डेरे क्षतिग्रस्त हो गए। बस्ती के ठीक ऊपर स्थित आरक्षित जंगल से गिरा विशाल चीड़ का पेड़ कई मीटर नीचे टूटकर चातरा बाजार निवासी महेश कुमार शर्मा की दुकान और मकान के अंदर घुस गया। गनीमत ये रही कि हादसे में किसी की जान नहीं गई। इस दौरान तूफान प्रभावितों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। तूफान के चलते जौनसार-बावर और पछवादून परगने के सीमांत त्यूणी, चकराता, कालसी और विकासनगर तहसील से जुड़े ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक परिसंपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। हनोल-चातरा पंचायत के प्रधान एवं चकराता ब्लॉक प्रधान संगठन के महासचिव हरीश राजगुरु, अटाल के प्रधान जगदीश वर्मा, कोटी-कनासर के प्रधान राहुल पुन, चिल्हाड़ के प्रधान नवप्रभात, बीडीसी सदस्य विक्रम सिंह पंवार, त्यूणी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लायकराम शर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष क्वांसी सूर्यपाल चौहान आदि ने स्थानीय प्रशासन व सरकार से तूफान प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

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इंसेट:

बेघर हुए परिवारों को समिति ने दी राहत सामग्री

चकराता: अटाल पंचायत के फेडिज गांव में आंधी-तूफान से बेघर हुए पीड़ित परिवारों की मदद को आगे आई युवा कल्याण समिति सैंज-अटाल के अध्यक्ष बसंत शर्मा, समिति सदस्य रमन, सौरभ, प्रीति, काजल, मोनिका, सनम, हरिदत्त, अमिता, मेहर, तुलाराम व अरविद आदि ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावितों को दो माह का राशन, तिरपाल और अन्य राहत सामग्री बांटी। समिति अध्यक्ष बसंत शर्मा ने कहा कि गरीब परिवार के तूफान प्रभावितों को सरकारी स्तर से सहायता कब मिलेगी इसका इंतजार नहीं किया जा सकता। आवासीय मकान क्षतिग्रस्त होने से बेघर हुए पीड़ित परिवार के लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है। ऐसे में युवा कल्याण समिति ने संकट के समय मानवता के नाते पीड़ित परिवारों की मदद को सहयोग का हाथ बढ़ाया है। कहा सुविधा संपन्न अन्य व्यक्तियों को भी तूफान से पीड़ित परिवारों की मदद को आगे आना चाहिए। स्थानीय ग्रामीणों ने समिति के प्रयासों की सराहना की।

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तूफान से धराशाही हुए बिजली के दो सौ पोल:

भीषण आंधी-तूफान के चलते पछवादून के हरर्बटपुर, ढ़करानी, बरोटीवाला, जीवनगढ़, कटापत्थर, भीमावाला, कालसी, साहिया, चकराता व त्यूणी के बीच ऊर्जा निगम की हाईटेंशन एवं एलटी लाइन के करीब दो सौ पोल उखड़ गए। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड विकासनगर इं. प्रदीप कुमार और उपखंड अधिकारी चकराता अशोक कुमार ने कहा कि तूफान से टूटे कई पेड़ जगह-जगह लाइन के ऊपर आ गए। इससे हरर्बटपुर, विकासनगर, डाकपत्थर, साहिया, चकराता, लाखामंडल, सावड़ा और त्यूणी बिजलीघर से जुड़े करीब पांच सौ गांवों की आपूर्ति बाधित रही। अधिशासी अभियंता के निर्देशन में ऊर्जा निगम की टीम शनिवार सुबह से जौनसार-पछवादून के तूफान प्रभावित इलाके में कई जगह क्षतिग्रस्त लाइन को दुरूस्त करने में दिनभर जुटी रही। कड़ी मशक्कत के बाद यूपीसीएल की टीम ने किसी तरह वैकेल्पिक व्यवस्था कर प्रभावित इलाकों में आपूर्ति शुरू कराई। पछवादून के कटापत्थर-बिहार और जौनसार के चिल्हाड़-बाणाधा समेत आसपास के कुछ ग्रामीण इलाकों में देर शाम तक बिजली सुचारू नहीं हो पाई। एसडीओ अशोक कुमार ने कहा कि तूफान से बिजली विभाग की कई किमी लंबी लाइन को काफी नुकसान हुआ है, जिसे दुरुस्त करने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। तूफान से घंटों बाधित रही बिजली व्यवस्था के चलते सैकडों परिवारों को उमस भरी गर्मी में बिना बिजली के काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

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तूफान से सेब बगीचों को हुआ भारी नुकसान

क्षेत्र में आए भीषण आंधी-तूफान के चलते जौनसार-बावर के सबसे अधिक फल उत्पादन वाले बावर, शिलगांव, चिल्हाड़, बाणाधार, देवघार, लखौ, फनार, कोटी-कनासर, कांडोई-भरम और कंडमाण खत से जुड़े ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाकों में लगे पर्वतीय फलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। स्थानीय बागवान विजयपाल सिंह रावत, पिताबंर दत्त बिजल्वाण, राजेंद्र बिजल्वाण और अर्जुन देव आदि ने कहा कि तूफान से सेब बगीचों में लगे फल टूट कर जमीन पर गिर गए। इसके अलावा आडू, खुमानी, अखरोट, पुलम और नाशपाती के दर्जनों फलदार पेड़ तूफान से धराशाई हो गए। मौसम की मार से बेहाल ग्रामीण बागवानों ने कहा कुछ समय पहले ओलावृष्टि और अब तूफान के चलते पहाड़ में बागवानी पूरी तरह चौपट हो गई।

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