दून में ऑटो चालक ज्यादा किराया मांगे तो 112 नंबर पर कीजिए डायल Dehradun News

आइएसबीटी व रेलवे स्टेशन पर रात के समय विक्रम ऑटो और ई-रिक्शा के चालक यदि मनमाना किराया मांगे तो परेशान न हों तुरंत डायल 112 पर कॉल करें। पुलिस आपकी मदद करेगी।

By Edited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 11:38 AM (IST)
दून में ऑटो चालक ज्यादा किराया मांगे तो 112 नंबर पर कीजिए डायल Dehradun News
दून में ऑटो चालक ज्यादा किराया मांगे तो 112 नंबर पर कीजिए डायल Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। आइएसबीटी और रेलवे स्टेशन पर रात के समय विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा के चालक यदि मनमाना किराया मांगे तो परेशान न हों, तुरंत डायल 112 पर कॉल करें। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचेगी। आपकी मदद करने के साथ संबंधित चालक के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी करेगी।

एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने एसपी ट्रैफिक को यह भी निर्देशित किया कि वह सार्वजनिक परिवहन की सेवाओं के वाहनों अनिवार्य रूप से किराया सूची लगाना सुनिश्चित कराएं। ताकि सफर करने वाले नागरिकों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। 

गौरतलब है कि शहर में विक्रम, ऑटो व ई-रिक्शा चालक यातायात व परिवहन नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। मनमाफिक किराया लेना और जहां-तहां वाहन खड़ा कर देना इनका शगल बन चुका है। स्थिति यह है कि यात्रियों से मनमाना किराया लेने के साथ ही कई दफा चालक अपनी दबंगई दिखाकर यात्रियों से अभद्रता भी करते हैं। 

रात में यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर तय किराये से कई गुना ज्यादा किराया लेते हैं और यात्री अधिक किराया देने को मजबूर हो जाते हैं। जितने किराये में यात्री दिल्ली से बस में देहरादून आता है, उतना किराया ये लोकल में हड़प लेते हैं। 

वर्दी के बिना रहते हैं चालक 

परिवहन विभाग द्वारा ऑटो चालकों के लिए भूरे रंग की वर्दी निर्धारित की गई है। इसके साथ ही वर्दी पर नेम प्लेट भी लगी होनी अनिवार्य है, लेकिन शहर में एक भी ऑटो चालक वर्दी में नहीं दिखता। ऐसे में किसी आपराधिक घटना में ऑटो चालक की पहचान कर पाने में दिक्कत होती है। 

दौड़ रहे पांच हजार ऑटो 

आरटीओ में पंजीकृत ऑटो की संख्या भले 2387 हो, लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो शहर में 5000 से भी ज्यादा ऑटो दौड़ रहे हैं। चेकिंग में कई दफा फर्जी नंबरों एवं फर्जी परमिट पर दौड़ रहे ऑटो पकड़े जाते हैं। कुछ साल पहले परिवहन विभाग व पुलिस ने फर्जी ऑटो रोकने के लिए शहर के सभी ऑटो पर एक स्टीकर चस्पा किए थे, लेकिन विभागों की लापरवाही के चलते ये स्टीकर गायब हो गए। 

फेल हो चुकी है प्रीपेड व्यवस्था 

वर्ष 2010 और 2013 में यातायात पुलिस ने रेलवे स्टेशन और आइएसबीटी से प्रीपेड ऑटो की व्यवस्था शुरू की थी, लेकिन ऑटो संचालकों की मनमानी से यह व्यवस्था ध्वस्त हो गई। वर्ष 2016 में पुलिस ने फिर यह व्यवस्था लागू की, लेकिन इसका पालन वर्तमान में भी पूरी तरह नहीं हो रहा। ऑटो चालक यात्री से सीधे मनमाने किराये की डील कर रहे हैं। ऐसे में मीटर व्यवस्था लागू करना परिवहन विभाग के लिए चुनौती होगा। 

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लगानी होगी किराया सूची 

देहरादून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी के अनुसार, सिटी बस, विक्रम, ऑटो और ई-रिक्शा में किराया सूची अनिवार्य रूप से लगी होनी चाहिए। शिकायत मिल रही है कि इसका पालन नहीं हो रहा है। इस पर एसपी ट्रैफिक को कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं, लोगों को भी जागरूक होना होगा। यदि कोई उनसे मनमाना किराया मांगता है तो तुरंत पुलिस को फोन करें। पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी। 

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