Dehradun Crime News: साइबर ठगों ने दो बैंक खातों से निकाले चार लाख रुपये
देहरादून में आनलाइन ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठगों द्वारा दो बैंक खातों से निकाले चार लाख रुपये निकालने का मामला सामने आया है। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने दोनों मामलों में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। आनलाइन भुगतान करने के लिए इंटरनेट पर बैंक के कस्टमर केयर का नंबर ढूंढना दो व्यक्तियों को भारी पड़ गया। साइबर ठगों ने उनके खाते से चार लाख रुपये निकाल लिए। दोनों मामलों में रायपुर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
लता ठाकुर निवासी अमन विहार सहस्रधारा रोड ने रायपुर थाने में तहरीर देकर बताया कि उनका मकान बन रहा है। उनका खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया में है। आठ सितंबर को उन्होंने मकान का निर्माण कर रहे ठेकेदार को 15 हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर किए थे, लेकिन चार दिन बाद भी रकम ठेकेदार को नहीं मिली। इस पर 11 सितंबर को उन्होंने धनराशि के बारे में पता करने के लिए इंटरनेट की मदद से बैंक का कस्टमर केयर नंबर ढूंढा। उक्त नंबर पर जब उन्होंने काल किया तो व्यक्ति ने एक एप डाउनलोड करवाने के बाद उनके बैंक खाते की जानकारी मांगी और इसके बाद उनके खाते से तीन लाख रुपये निकाल लिए।
दूसरे मामले में संजय कुमार निवासी डीएल कालोनी रायपुर ने पुलिस को बताया कि नौ सितंबर को उन्हें बिहार स्थित अपने घर रुपये भेजने थे, लेकिन एसबीआइ का एप उनके मोबाइल पर नहीं खुल रहा था। संजय ने इंटरनेट की मदद से बैंक का कस्टमर केयर नंबर ढूंढने के बाद उस पर काल किया। काल उठाने वाले व्यक्ति ने उन्हें एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाया और इसके बाद उन्हें एक लिंक भेजा। उस पर क्लिक करते ही उनके खाते से एक लाख रुपये की निकासी हो गई। थानाध्यक्ष रायपुर अमरजीत सिंह ने बताया कि दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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संदिग्ध होने के शक में युवकों को किया पुलिस के हवाले
मसूरी में बीते तीन दिनों से कंपनी गार्डन में आने वाले व्यक्तियों निगरानी कर रह दो युवकों को गार्डन वेलफेयर एसोसिएशन ने पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि पुलिस पूछताछ में युवक एक कंपनी के कर्मचारी निकले। उनका कहना था कि कंपनी मालिक को सूचना मिली है कि कंपनी गार्डन के संचालन को लेकर जल्द टेंडर निकलने वाले हैं इसीलिए उन्हें स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा है। जिस पर पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।
गार्डन वैलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष सुरेंद्र राणा ने बताया कि दोंनों युवक तीन दिनों से गार्डन में आने वाले हरएक की गिनती कर रहे थे और उन पर नजर रख रहे थे। इस पर उनको शक हुआ कि कहीं दोंनों युवक कोई वारदात करने तो नहीं आये हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में इस प्रकार की रैकी करना संदिग्ध होता है ऐसे में गार्डन वैलफेयर एसोसिएशन का कदम सही था। लेकिन लाइब्रेरी पुलिस चौकी में हुई पूछताछ के बाद स्थिति साफ हो गई है। युवक कोल्हूखेत में ईको शुल्क बैरियर कंपनी के कर्मचारी हैं और यहां पर कंपनी के मालिक के कहने पर आये थे। वहीं कंपनी संचालक सौरव अग्रवाल ने बताया कि वह व्यापारी हैं और पता लगा था कि कंपनी गार्डन संचालन के लिए टेंडर लगने वाले हैं। इसी के मद्देनजर उन्होंने अपने कर्मचारयों को वहां भेजा और इसमें कोई गलत नहीं हैं।
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