साइबर ठगों ने 12 व्यक्तियों से ठगे साढ़े 23 लाख, पुलिस ने शुरू की जांच

कोरोना के साथ-साथ साइबर ठग भी जनता के लिए चुनौती बन गए हैं। मंगलवार को साइबर ठगों ने 12 व्यक्तियों से 23 लाख 66 हजार रुपये की ठगी कर दी। साइबर थाने में सभी मामलों में दर्ज किया गया है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:37 PM (IST)
साइबर ठगों ने 12 व्यक्तियों से ठगे साढ़े 23 लाख, पुलिस ने शुरू की जांच
कोरोना के साथ-साथ साइबर ठग भी जनता के लिए चुनौती बन गए हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोना के साथ-साथ साइबर ठग भी जनता के लिए चुनौती बन गए हैं। मंगलवार को साइबर ठगों ने 12 व्यक्तियों से 23 लाख, 66 हजार रुपये की ठगी कर दी। साइबर थाने में सभी मामलों में दर्ज किया गया है। 12 में से आठ मामलों में पुलिस ने आर्थिक अपराध की धारा लगाई है। 

इंदर रोड निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन कर खुद को इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताया। ठग ने पूर्व में की गई इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान व पॉलिसी को रिन्यू करने के नाम पर फर्जी दस्तावेज भेजकर कुल 13 लाख, 54 हजार रुपये की ठगी कर दी। वहीं मातावाला बाग निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसने ओएलएक्स पर बेड बेचने का विज्ञापन देखा। विज्ञापन में दिए नंबर पर संपर्क करने पर ठग ने क्यूआर कोड स्कैन करवाकर खाते से 89 हजार रुपये ठग लिए। 

दूसरी ओर आकाशदीप कालोनी निवासी व्यक्ति ने बताया कि उन्हें एक फोन आया। शातिर ने खुद को अमेजन कंपनी का अधिकारी बताकर लक्की ड्रॉ जीतने की बात बात कही। ठग ने खाते की जानकारी हासिल करते हुए खाते से 51300 रुपये निकाल लिए। उधर, डोभालवाला निवासी एक व्यक्ति को फोन आया। जिसमें फोन करने वाले ने खुद को एसबीआइ का मैनेजर बताया और कहा कि एटीएम कार्ड बंद हो गया है। कार्ड को दोबारा चालू करने की बात कहकर पीडि़त के खाते की पूरी जानकारी ले ली और खाते से 74367 रुपये उड़ा लिए।

आर्थिक अपराध में यह मुकदमे हुए दर्ज 

किच्छा निवासी एक व्यक्ति को फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को रिलायंस का कर्मचारी बताया। रिलायंस पॉलिसी का प्रीमियम जमा करने की बात कहते हुए 99 हजार रुपये ठग लिए। वहीं रुद्रपुर निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसने फ्लिपकार्ट कंपनी से जूतों का आर्डर किया था। बाद में उन्होंने आर्डर कैंसिल कर दिया। पैसे वापस करने के लिए उन्होंने कंपनी को फोन किया, तो जवाब मिला कि पैसे पेटीएम खाते में वापस कर दिए गए हैं। शिकायतकर्ता ने गूगल से पेटीएम का कस्टमर केयर नंबर तलाश कर फोन किया। व्यक्ति ने खुद को पेटीएम कस्टमर केयर अधिकारी बताते हुए एनी डेस्क एप डाउनलोड करने के लिए कहा और खाते से एक लाख, पंद्रह हजार, चार सौ रुपये उड़ा दिए। 

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खाता हैक कर उड़ाए 1.60 लाख

किच्छा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी के नाम से मुंबई की एक ब्रांच से ऑनलाइन खाता खुलवाया था। किसी अज्ञात व्यक्ति ने बैंक खाते को हैक कर उनके खाते से एक लाख, साठ हजार रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसी तरह रुद्रपुर निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर खुद को फोनपे वॉलेट का अधिकारी बताकर गिफ्ट वाउचर के नाम पर एनी डेस्क एप डाउनलोड करने की बात कह खाते से 65,179 रुपये निकाल लिए। रुद्रपुर निवासी एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर खुद को वोडाफोन-आइडिया कस्टमर केयर अधिकारी बताते हुए सिम एक्टिवेट करने के नाम पर एक लाख सैंतीस हजार ठग लिए। रुद्रपुर के ही एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने ओएलएक्स पर एक्टिवा का विज्ञापन देखा।

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विज्ञापन पर दिए नंबर संपर्क करने पर ठग ने कोरियर चार्ज, बीमा व अन्य टैक्स के रूप में कुल 90 हजार रुपये ठग लिए। सितारंगज निवासी एक व्यक्ति ने फेसबुक पर 20 लाख रुपये का लोन दिए जाने का विज्ञापन देखा। विज्ञापन पर दिए नंबर पर संपर्क करने पर ठग ने लोन देने के एवज में रजिस्ट्रेशन फीस एवं अन्य टैक्स के रुप में 56,658 रुपये ठग लिए। वहीं रुद्रपुर के एक व्यक्ति ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर उन्हें अपना रिश्तेदार बताया। पीडि़त के खाते में आनलाइन पैसे जमा कराने की बात कह 75 हजार रुपये निकाल लिए।

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