पहाड़ों में भी साइबर अपराधी तलाशने लगे शिकार, बचना है तो इन बातों का रखें ख्याल

उत्तराखंड के पर्वतीय जिले ऐसे ही थे जहां साल में एक-दो घटनाएं ही सामने आती थी। लेकिन विगत तीन वर्षों के दौरान साइबर अपराध के ग्राफ ने उछाल आया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 04:50 PM (IST)
पहाड़ों में भी साइबर अपराधी तलाशने लगे शिकार, बचना है तो इन बातों का रखें ख्याल
पहाड़ों में भी साइबर अपराधी तलाशने लगे शिकार, बचना है तो इन बातों का रखें ख्याल

देहरादून, जेएनएन। साइबर अपराधी अब तक धनाढ्य वर्ग या फिर नौकरीपेशा को ही शिकार के लिए चुनते थे। मगर इंटरनेट और डिजिटल पेमेंट के प्रति बढ़ी जागरूकता ने उन क्षेत्रों को भी निशाने पर ला दिया है, जहां अभी तक उनकी दाल नहीं गल रही थी। उत्तराखंड के पर्वतीय जिले ऐसे ही थे, जहां साल में एक-दो घटनाएं ही सामने आती थी। लेकिन विगत तीन वर्षों के दौरान साइबर अपराध के ग्राफ ने उछाल आया है। इसकी एक वजह यह भी है कि अब दूरदराज के लोग भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और लॉकडाउन के दौरान उनका भी डिजिटल पेमेंट की ओर रुझान बढ़ा है। ऐसे में आज के दौर में साइबर अपराध को लेकर हर किसी बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।

ऐसे बचें साइबर अपराध से एटीएम या ई-वॉलेट का पासवर्ड किसी से भी साझा न करें। हर दो-तीन महीने पर पासवर्ड अनिवार्य रूप से बदल दें। पेट्रोल पंप, शॉपिंग मॉल में कार्ड स्वैप करते में पासवर्ड छिपा कर डालें। केवाईसी अपडेट करने को आने वाली फोन कॉल कतई यकीन न करें। जिस मोबाइल में इंटरनेट बैंकिंग, पेटीएम या कोई ई-वॉलेट हो उसमें अकॉउंट से लिंक सिम का प्रयोग न करें। ईनाम आदि का लालच देने वाले मैसेज या लिंक पर कोई जवाब न दें। मोबाइल में अनावश्यक या प्रयोग न लाये जा रहे एप्लिकेशन को डिलीट कर दें। ऑनलाइन पेमेंट के दौरान ओटीपी किसी के भी साथ साझा न करें। एटीएम में ट्रांजेक्शन के वक्त किसी का सहयोग न लें।

जनपद,  साइबर अपराध 2018, 2019, 2020

नैनीताल------------------ 5--------- 1------5

अल्मोड़ा-------------------0-----------2-----2

पिथौरागढ़-----------------1----------- 0-----0

बागेश्वर--------------------0------------6-----2

चंपावत---------------------1------------1-----5

उधमसिंहनगर-------------8------------30---53

उत्तरकाशी-----------------0-------------0----0

टिहरी-----------------------8--------------1---6

चमोली----------------------3-------------1----3

रुद्रप्रयाग--------------------2--------------6----1

पौड़ी-------------------------1--------------0----0

देहरादून---------------------31-----------15-- 22

हरिद्वार----------------------12---------- 7----14

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पुलिस महानिदेशक अपराध और कानून अशोक कुमार ने बताया कि साइबर अपराध की रोकथाम और अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के टास्क पर एसटीएफ काम कर ही रही है। इसके साथ ही जिलों की पुलिस भी ऐसे जालसाजों पर शिकंजा कसने में जुटी है। इन सब के बाद भी आम नागरिकों को भी एहतियात बरतना होगा।

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