उत्तराखंड: अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन का मामला, CS ने समाज कल्याण सचिव को दिए जांच के आदेश

अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने समाज कल्याण सचिव को इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। सचिव को जांच रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 11:10 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 11:10 AM (IST)
उत्तराखंड: अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन का मामला, CS ने समाज कल्याण सचिव को दिए जांच के आदेश
CS ने समाज कल्याण सचिव को दिए जांच के आदेश।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। देशभर में लव जिहाद को लेकर छिड़ी बहस के बीच टिहरी जिले में अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन को लेकर प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी की सक्रियता सरकार को खटक रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने समाज कल्याण सचिव को इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। सचिव को जांच रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा गया है।

टिहरी जिले में प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने बीते शुक्रवार को अंतरधार्मिक विवाह योजना के बारे में सार्वजनिक सूचना जारी की थी। समाज कल्याण विभाग में अंतरजातीय के साथ ही अंतरधार्मिक विवाह के लिए बतौर को प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये देने का प्रविधान है। पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में यह राशि 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की थी। उक्त समाज कल्याण अधिकारी की ओर से जारी उक्त सूचना को लेकर बवाल मच गया था।

दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार वर्ष 2018 में ही उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून लागू कर चुकी है। इसमें जबरन, प्रलोभन, जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के जरिये धर्म परिवर्तन को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है। इस कानून के बावजूद अंतरधार्मिक विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि को लेकर इंटरनेट मीडिया पर सरकार को किरकिरी झेलनी पड़ी थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में मुख्य सचिव को जांच कराने के आदेश दिए थे। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि समाज कल्याण सचिव एल फैनई को उक्त प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में आगे कार्यवाही की जाएगी।

लव जिहाद रोकने को बने कड़ा कानून: महामंडलेश्वर कैलाशानंद

मसूरी: दक्षिण काली मंदिर के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि सभी राज्य सरकारों को लव जिहाद पर कड़ा कानून बनाना चाहिए। साथ ही उस कानून का सख्ती से पालन भी कराया जाना चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सके। महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी सोमवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने मसूरी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में महाराष्ट्र सहित अन्य जगहों पर हुई साधु-संतों की हत्या की निंदा की।

उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से साधु समाज आहत हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधु-संतों की सुरक्षा का संज्ञान लेना चाहिए। महामंडलेश्वर ने कहा कि हिमालय के अत्यंत नजदीक होने के कारण मसूरी का वातावरण भी हिमालय जैसा ही है। हरिद्वार में होने वाले कुंभ को लेकर उन्होंने कहा कि इस बार भी कुंभ का स्वरूप भव्य होगा। इसके लिए संतों और अखाड़ा परिषद की बैठकें चल रही हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार के साथ भी बैठकें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कोविड गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए कुंभ को सफल बनाया जाएगा।

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