देहरादून में अधूरी तैयारियों के साथ चल रहा कोरोनेशन में कोविड अस्पताल

कोरोनेशन अस्पताल परिसर में कोविड अस्पताल अधूरी तैयारियों के साथ चल रहा है। अस्पताल की विद्युत आपूर्ति कभी भी बाधित हो जाती है। जिससे मरीजों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा सीटी स्कैन कोविड-मार्कर समेत कई आवश्यक जांच की व्यवस्था भी यहां नहीं है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 09:29 AM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 09:29 AM (IST)
देहरादून में अधूरी तैयारियों के साथ चल रहा कोरोनेशन में कोविड अस्पताल
कोरोनेशन अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराने आए लोग धूप में लाइन में लगकर सैंपल देते हुए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनेशन अस्पताल परिसर में कोविड अस्पताल अधूरी तैयारियों के साथ चल रहा है। अस्पताल की विद्युत आपूर्ति कभी भी बाधित हो जाती है। जिससे मरीजों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा सीटी स्कैन, कोविड-मार्कर समेत कई आवश्यक जांच की व्यवस्था भी यहां नहीं है। जिसके लिए अस्पताल प्रशासन ने दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय से मदद मांगी है।

कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर अस्पताल की नई बिल्डिंग में 33 ऑक्सीजन बेड संचालित किए गए हैं। कुछ ऐसे भी मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्होंने कोरोना की जांच तो नहीं कराई, लेकिन उनमें सांस फूलने और ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम होने की शिकायत आ रही है। इस तरह के करीब तीस मरीज अस्पताल के मुख्य भवन में भर्ती हैं।

दिक्‍कत 1

जनरेटर के ऑटोकट के लिए अभी प्रोग्रामिंग नहीं: अस्पताल में विद्युत आपूर्ति बार-बार बाधित हो रही है। बुधवार दोपहर ही नहीं, बल्कि रात में भी अस्पताल की बिजली गुल हो गई। जिससे मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। नई बिल्डिंग में जनरेटर के ऑटोकट के लिए अभी प्रोग्रामिंग नहीं हुई है। इसके लिए बाहर से तकनीशियन आने हैं। जिसमें वक्त लग रहा है। बार-बार बिजली जा रही है और इससे दिक्कत आ रही है।

दिक्‍कत 2 

संक्रमितों की नहीं हो पा रही पूरी जांच: कोरोना संक्रमित व्यक्ति की कई तरह की जांच की जाती हैं। इनमें कई जांच अस्पताल में होती ही नहीं हैं। इनमें डिमर, सीआरपी, सीरम फेरिटिन, आइएल-6 सहित कई अन्य जांच शामिल हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पत्र भेज इन जांच के लिए व्यवस्था बनाने की मांग की है।

दिक्‍कत 3 

सीटी स्कैन मशीन नहीं की इंस्टॉल: विश्व बैंक की ओर से आपदा राहत कोष से 64 स्लाइस की अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीन अस्पताल को मुहैया कराई गई है। पर ताज्जुब ये कि मशीन अभी तक भी इंस्टॉल नहीं हुई है, जबकि कोरोना के उपचार में सीटी स्कैन की खासी अहमियत है। इससे फेफड़ों में संक्रमण की स्थिति का सही अनुमान लगता है। कोरोना संक्रमितों का सीटी स्कैन अब दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में कराने की बात की जा रही है। 

डॉ. मनोज उप्रेती (प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल) ने कहा कि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन को सिटी स्कैन और खून आदि की जरूरी जांच कराने का अनुरोध किया गया है। ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था बढ़ाई जा रही है। अन्य व्यवस्था बनाने को भी युद्ध स्तर पर प्रयास चल रहा है।

घर का फ्रिज देकर घिरे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

कोरोना के लिहाज से व्यवस्था जुटाना अस्पताल प्रशासन के लिए खासा मुश्किल साबित हो रहा है। स्थिति ये कि अस्पताल में कोविड संबंधी दवा व इंजेक्शन रखने के लिए फ्रिज तक की व्यवस्था नहीं है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने घर का पुराना फ्रिज अस्पताल को देकर आमजन के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने दवा व इंजेक्शन आदि रखने के लिए अस्पताल को फ्रिज देने की बात ट्विटर के जरिए साझा की। जिस पर कई कड़ी टिप्पणियां की गई हैं। कहा जा रहा है कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि चार साल तक स्वास्थ्य विभाग उनके पास रहते उन्हें अस्पताल को अपना फ्रिज देना पड़ा है। वहीं कुछ लोग फ्रिज के बजाए बेड उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं। पूर्व सीएम इससे पहले विधायक निधि से एक करोड़ दान देने की बात कहकर भी घिर चुके हैं।

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