उत्तराखंड: गांवों में कोविड नियंत्रण समितियां बांटेंगी औषधि किट, आइसोलेशन में रह रहे लोगों पर भी रखेंगी नजर

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सभी 7791 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में दो दिन के भीतर कोविड नियंत्रण समितियां गठित करने के आदेश दिए हैं। ये समितियां कोविड-19 की जांच के उपरांत रिपोर्ट की प्रत्याशा में लक्षणयुक्त व्यक्तियों के उपचार के लिए उन्हें औषधि किट मुहैया कराएंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 09:18 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:32 PM (IST)
उत्तराखंड: गांवों में कोविड नियंत्रण समितियां बांटेंगी औषधि किट, आइसोलेशन में रह रहे लोगों पर भी रखेंगी नजर
उत्तराखंड: गांवों में कोविड नियंत्रण समितियां बांटेंगी औषधि किट।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के रफ्तार पकड़ने के साथ ही इसके गांवों में पैर पसारने से सरकार की चिंता बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए अब गांवों पर फोकस किया गया है। इस कड़ी में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने प्रदेश की सभी 7791 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में दो दिन के भीतर कोविड नियंत्रण समितियां गठित करने के आदेश दिए हैं। ये समितियां कोविड-19 की जांच के उपरांत रिपोर्ट की प्रत्याशा में लक्षणयुक्त व्यक्तियों के उपचार के लिए उन्हें औषधि किट मुहैया कराने साथ ही होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों की निगरानी करेंगी।

मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए आदेश के मुताबिक ग्राम प्रधान की अध्यक्षता वाली ग्राम पंचायत स्तरीय कोविड नियंत्रण समिति में महिला व युवक मंगल दल के प्रतिनिधि, वन पंचायत सरपंच, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्र्ता, ग्राम प्रहरी, राष्ट्रीय सेवा योजना व नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि और डीएम द्वारा नामित व्यक्ति सदस्य बनाए जाएंगे।

ग्राम प्रधान के निर्देशन में ये समितियां कोविड नियंत्रण संबंधी कार्यों का संपादन और निगरानी करेंगी। पंचायत संबंधी सभी सूचनाएं उपलब्ध कराने का दायित्व समितियों का होगा। वे विभिन्न प्रांतों व जिलों से आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन कर इसकी सूचना जिला व ब्लाक स्तरीय नोडल अधिकारी को प्रेषित करेंगी। समितियों को औषधि किट, पल्स आक्सीमीटर व थर्मामीटर की उपलब्धता जिला प्रशासन कराएगा। 

समितियों के दायित्व

-औषधि किट व होम आइसोलेशन की उपलब्धता के लिए उपकरणों, औषधियों का स्टोरेज एवं प्रबंधन।

-आशा कार्यकर्त्ताओं व एएनएम के माध्यम से कोविड लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान कर सूचना एकत्रीकरण।

-रैपिड एंटीजन व आरटीपीसीआर टेस्टिंग को आने वाले व्यक्तियों अथवा कोविड लक्षणों वाले ग्रामीणों को समय पर औषधि किट की उपलब्धता।

-कोरोना की जांच कराने वाले व्यक्तियों की रिपोर्ट की प्रत्याशा में उन्हें होम आइसोलेशन में रखने व डाक्टरों के मार्गदर्शन में प्रारंभिक उपचार को आशा व एएनएम अधिकृत।

-ग्राम पंचायत स्तरीय समिति कोविड संबंधी सभी आवश्यकताओं व जानकारी के लिए प्रथम पंक्ति के रूप में करेंगी कार्य।

-टेस्टिंग, होम आइसोलेशन, कांट्रेक्ट ट्रेसिंग और प्राथमिक उपचार आदि के प्रयासों में प्रशासन की सहायता।

-ग्राम पंचायत में वैक्सीनेशन के लिए प्रशासन को सहयोग देने के साथ ही जनजागरण।

डीएम कराएंगे प्रशिक्षण की व्यवस्था

आदेश के मुताबिक जिलाधिकारी विभिन्न ग्राम पंचायतों को क्लस्टर के रूप में ब्लाक अथवा न्याय पंचायत स्तर पर उपलब्ध कोविड केयर सेंटर के साथ लिंक करेंगे। इन कोविड केयर सेंटर में न्यूनतम पांच आक्सीजन सपोर्ट बेड, रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था को एक चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ, एक एंबुलेंस, पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित सपोर्ट स्टाफ, जरूरी उपकरण व दवाइयां जिला प्रशासन उपलब्ध कराएगा। आवश्यकता पड़ने पर इन सेंटर में संबंधित ग्राम पंचायतों से कोविड ग्रस्त मरीजों को रेफर किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तरीय कोविड नियंत्रण समिति के गठन और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था का जिम्मा जिलाधिकारी का होगा।

एसएचजी की लेंगे मदद

ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में औषधि किट वितरण की कार्ययोजना डीएम स्तर से तैयार होगी। इस कार्य के लिए जिला स्तर पर सीडीओ और ब्लाक स्तर पर बीडीओ नोडल अधिकारी होंगे। ग्राम पंचायत स्तरीय कोविड नियंत्रण समिति के मध्य समन्वय का कार्य सीडीओ करेंगे। औषधि किट तैयार करने के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की मदद ली जाएगी। उन्हें प्रति किट अधिकतम एक रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा। 

ग्रामीण क्षेत्रों में हर ग्राम पंचायत के लिए कुल जनसंख्या की 70 फीसद संख्या के आधार पर किट तैयार होंगी। शहरी क्षेत्रों में किट वितरण के लिए स्थल चिह्नित किए जाएंगे। चिह्नित स्थलों में कर्मचारी तैनात रहेंगे। जरूरतमंदों तक औषधि किट पहुंचाने को टैक्सी यूनियन, आटो रिक्शा यूनियन, स्वयंसेवी संस्थाओं, होम डिलीवरी करने वाली फर्म व संस्थाओं, सभासदों, सिविल डिफेंस, रेडक्रास आदि का सहयोग लिया जाएगा।

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