राज्य कर्मचारियों ने सरकार पर टीकाकरण में भेदभाव का लगाया आरोप, सभी कार्यालयों में कैंप लगाने की मांग
Covid 19 Vaccination राज्य कर्मचारियों ने सरकार पर टीकाकरण में भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने सभी कार्यालयों में टीकाकरण कैंप लगाने की मांग की है। साथ ही सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने और कोरोना से मौत होने पर परिवार को 50 लाख रुपये सहयोग राशि देने की मांग की गई।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Covid 19 Vaccination राज्य कर्मचारियों ने सरकार पर टीकाकरण में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सभी कार्यालयों में टीकाकरण कैंप लगाने की मांग की है। साथ ही सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने और कोरोना से मौत होने पर परिवार को 50 लाख रुपये सहयोग राशि देने की मांग की गई है।
रविवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की कोर कमेटी की वर्चुअल बैठक हुई। इस दौरान परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय ने कहा कि उनकी मांग के अनुसार प्रदेश में निदेशालय के साथ ही विभिन्न कार्यालयों को बंद कर दिया गया है, लेकिन जिलों में उद्यान, कृषि, डीआरडीए, तहसील, खाद्य और रसद आदि विभाग के कर्मचारी कोविड-19 के नियंत्रण कक्ष से लेकर विभिन्न स्थानों और कंटेनमेंट जोन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उनकी सुरक्षा के प्रति सरकार को गंभीर रवैया अपनाना चाहिए। बैठक में कहा गया कि सरकार की ओर से कोरोना रोधी टीकाकरण में भेदभाव किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा, उनकी मांग थी कि प्रदेश में जो कार्मिक फील्ड में कार्य कर रहे हैं, उन्हें और उनके परिवार को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए। राज्य सरकार ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। कहा कि कार्मिकों व उनके स्वजनों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए।
इसके साथ ही सभी कार्मिकों को हरियाणा व अन्य राज्यों की तरह 50 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाए। इसके अतिरिक्त उन्हें सुरक्षा के लिए मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स आदि उपलब्ध कराए जाएं। बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, एनके त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, गिरिजेश कांडपाल, कुवर सामंत, हर्षवर्धन नेगी, तनवीर अहमद, अशोक कुमार शर्मा आदि शामिल हुए।
कोरोना महामारी रोकथाम में सरकारी नीतियां फेल
राजपुर के पूर्व विधायक व कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि कोरोना महामारी नियंत्रण में प्रदेश सरकार पूरी तरह से फेल रही है। चरमराई हुई स्वास्थ्य सेवाओं व अधूरे संसाधनों के कारण आम आदमी दम तोड़ रहा है। रविवार को मसूरी के कुलड़ी क्षेत्र के एक होटल में पत्रकारों से वार्ता में पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि पर्यटन नगरी मसूरी की स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है।
उन्होंने कहा कि मसूरी विधायक और प्रदेश के काबीना मंत्री गणेश जोशी कहते हैं कि मसूरी में आक्सीजन प्लांट लगाएंगे, लेकिन आज तक यह काम क्यों नहीं हुआ, जबकि प्लांट के लिए पैसा बीती जनवरी में आ गया था। सिविल अस्पताल मसूरी को कोविड अस्पताल बना दिया गया, लेकिन यहां पर न तो समुचित संख्या में चिकित्सक हैं और न ही सुविधाएं।
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