सिविल जज दीपाली शर्मा मामले में कोर्ट ने वापस लिया केस, नाबालिग के शोषण का लगा था आरोप

नाबालिग बालिका का शारीरिक और मानसिक शोषण करने के मामले में आरोपित न्यायिक अधिकारी के खिलाफ दायर मुकदमे को न्यायालय ने वापस लेने के आदेश दिए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 06 Sep 2020 12:00 PM (IST) Updated:Sun, 06 Sep 2020 12:00 PM (IST)
सिविल जज दीपाली शर्मा मामले में कोर्ट ने वापस लिया केस, नाबालिग के शोषण का लगा था आरोप
सिविल जज दीपाली शर्मा मामले में कोर्ट ने वापस लिया केस, नाबालिग के शोषण का लगा था आरोप

देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार में नाबालिग बालिका का शारीरिक और मानसिक शोषण करने के मामले में आरोपित न्यायिक अधिकारी के खिलाफ दायर मुकदमे को न्यायालय ने वापस लेने के आदेश दिए हैं। न्यायिक अधिकारी पर लगाए गए आरोपों से शनिवार देर शाम उन्हें न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार जनवरी 2018 में न्यायिक निर्देशों के पालन में संयुक्त टीम ने हरिद्वार की तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिवीजन दीपाली शर्मा के आवास पर छापा मारा था। न्यायिक अधिकारी के आवास पर एक नाबालिग बालिका मिली थी। जिसके शरीर पर चोट के 20 निशान पाए जाने का दावा अभियोजन पक्ष ने किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपित न्यायिक अधिकारी ने अप्रैल 2015 से जनवरी 2018 तक नाबालिग बालिका का मानसिक व शारीरिक शोषण लोक सेवक होते हुए किया था। 

घटना के संबंध में सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना अधिकारी ने जांच के बाद 20 अप्रैल 2018 को महिला न्यायिक अधिकारी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। जिस पर न्यायालय ने 12 जून 2018 को संज्ञान लेते हुए न्यायिक अधिकारी को अदालत में उपस्थित होने के आदेश जारी किए थे। उसके उपरांत 19 अक्टूबर 2019 को अभियोजन पक्ष ने मुकदमा वापस करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। जिसे न्यायालय ने सुनवाई के बाद मामला जनहित का न पाते हुए खारिज कर दिया था। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: डीआइजी अरुण मोहन जोशी बोले, सिटीजन चार्टर का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

इसके बाद अभियोजन पक्ष ने सत्र न्यायालय में चुनौती याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करने के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह ने पाया कि पीड़ित बालिका की इच्छा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अलावा जो साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है, वह भी विरोधाभाषी है। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के मुकदमा वापसी के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए आरोपित न्यायिक अधिकारी दीपाली शर्मा को दोषमुक्त करने का आदेश पारित कर दिया।

यह भी पढ़ें: नैनीताल से भाजपा सांसद अजय भट्ट ने पोर्टल संचालक पर किया मुकदमा

chat bot
आपका साथी