टिहरी में हिम तेंदुओं के राज आएंगे सामने, नवंबर से शुरू हो जाएगी गणना

टिहरी जिले के हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुओं के कई राज अब सामने आ सकेंगे। प्रदेश भर के जिलों सहित टिहरी में भी स्नो लैपर्ड की गणना का काम नवंबर माह से शुरू हो जाएगा। वन विभाग के लगभग 15 कर्मचारियों को सोमवार को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 12:23 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 12:23 PM (IST)
टिहरी में हिम तेंदुओं के राज आएंगे सामने, नवंबर से शुरू हो जाएगी गणना
टिहरी जिले के हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुओं के कई राज अब सामने आ सकेंगे।

नई टिहरी, जेएनएन। टिहरी जिले के हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुओं के कई राज अब सामने आ सकेंगे। प्रदेश भर के जिलों सहित टिहरी में भी स्नो लैपर्ड की गणना का काम नवंबर माह से शुरू हो जाएगा। वन विभाग के लगभग 15 कर्मचारियों को सोमवार को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।

हिम तेदुंओं की गणना के लिए टिहरी वन प्रभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को वन विभाग के नई टिहरी गेस्ट हाउस में कर्मचारियों को हिम तेंदुओं की गणना के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। पूर्व में डीएफओ प्रशिक्षण के लिए गए थे। अब वह कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे। डीएफओ कोको रोसे ने बताया कि एक फार्मेट में कर्मचारियों को गणना को लेकर जानकारी भरनी होगी। इसके लिए हिम तेदुंओं के पंजे के निशान और मल आदि प्रमुख हैं। नवंबर पहले सप्ताह से 13 प्रमुख बीटों में गणना का काम शुरू किया जाएगा। इनमें खरसोली बीट, सहस्रताल बीट, पिंसवाड बीट प्रमुख है।

वन विभाग के रिकॉर्ड में अभी तक टिहरी में हिम तेंदुओं का नजर आना दर्ज नहीं है। केदारनाथ वाइल्डलाइफ सेंचूरी से भी टिहरी वन प्रभाग जुड़ा होने के कारण यहां पर भी हिम तेंदुआ मिलने की संभावना है। डीएफओ ने बताया कि तीन हजार मीटर से ऊपर के हिमालयी क्षेत्र में यह पाया जाता है। नवंबर पहले सप्ताह से गणना का काम शुरू हो जाएगा। अगले साल से गणना के दूसरे में कैमरा ट्रैप भी लगाए जाएंगे। पहली बार यहा गणना हो रही है। इससे कई नई जानकारी सामने आएंगी।

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