उत्तराखंड: सड़क सुरक्षा के नियम तोड़ने वालों की होगी काउंसिलिंग, हर जिले में बनेगा यातायात जागरूकता केंद्र
सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन करने वालों की काउंसिलिंग की जाएगी। इसके साथ ही आमजन को यातायात के प्रति जागरूक करने को यातायात जागरूकता केंद्र्र भी खोले जाएंगे। मकसद यह कि चालान काटने के बाद वाहन चालकों को यातायात नियमों की जानकारी देकर जागरूक भी किया जा सके।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में अब सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन करने वालों की काउंसिलिंग की जाएगी। इसके साथ ही आमजन को यातायात के प्रति जागरूक करने को यातायात जागरूकता केंद्र्र भी खोले जाएंगे। मकसद यह कि चालान काटने के बाद वाहन चालकों को यातायात नियमों की जानकारी देकर जागरूक भी किया जा सके, ताकि वे दोबारा नियमों का उल्लंघन न करें।
प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। इस वर्ष 750 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 470 से अधिक व्यक्ति असमय ही काल का ग्रास बने हैं। लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं का एक मुख्य कारण चालक द्वारा लापरवाही से वाहन चलाना भी है। परिवहन व पुलिस विभाग प्रतिदिन सड़कों पर यातायात का नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटते हैं। इस वर्ष अभी तक चार लाख से अधिक व्यक्तियों के चालान काटे गए हैं।
अमूमन यह देखने में आया है कि चालान काटने और जुर्माना वसूलने के बाद वाहन और चालक को छोड़ दिया जाता है। अब केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन भी व्यक्तियों के चालान काटे जाते हैं, उनको दोबारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए हतोत्साहित किया जाए। इसके लिए उनकी काउंसिलिंग की जाए। कहने को तो यह व्यवस्था लागू हो चुकी है लेकिन जगह के अभाव में ऐसा नहीं हो पा रहा है।
दरअसल, अभी परिवहन कार्यालयों में इतनी जगह नहीं है कि चालान छुड़ाने आए व्यक्तियों की काउंसिलिंग की जाए। इसके लिए अलग हाल की जरूरत होगी। इसके साथ ही काउंसलर की भी आश्यकता होगी। इसके देखते हुए शासन ने सड़क सुरक्षा कोष से इनकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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परिवहन विभाग ने शुरुआत में देहरादून और हल्द्वानी के आरटीओ कार्यालयों में काउंसिलिंग हाल स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट जारी हो गया है। इसके अलावा हर जनपद में यातायात जागरूकता केंद्र स्थापित होगा। वहां यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। प्रथम चरण में हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में ये केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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