ग्रामीण आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप

विकासनगर उत्तराखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित हो रही योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 03:20 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 03:20 AM (IST)
ग्रामीण आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप
ग्रामीण आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप

संवाद सहयोगी, विकासनगर: उत्तराखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित हो रही योजनाओं में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। विकासनगर कलस्टर की अध्यक्ष ने कुछ समूहों को छोड़कर अधिकतर स्वयं सहायता समूहों को योजना के तहत काम नहीं देने की शिकायत की है। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिकायत करके मिशन की योजनाओं के संचालन की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी की है।

विकासनगर कलस्टर की अध्यक्ष कल्पना बिष्ट का कहना है कि केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वर्ष 2014 में आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन शुरू किया था। मिशन का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा और दिव्यांगों को स्वरोजगार से जोड़ना है। योजना के तहत गांव में महिला स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन और कलस्टर बनाए गए। उत्तराखंड में महिला एवं बाल विकास विभाग स्वयं सहायता समूहों, ग्राम संगठनों और कलस्टर को ऐसे काम उपलब्ध कराता है, जिनके माध्यम से महिलाओं की आय बढ़ाई जा सके। उनका आरोप है कि विभागीय अधिकारी अपने चहेतों को ही काम दे रहे हैं। पिछले छह वर्ष से उन्हीं गिनती की महिलाओं के पास टेक होम राशन और अम्मा कैंटीन का काम है। कहा कि अधिकारी अन्य महिलाओं की उपेक्षा कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से की शिकायत में कहा है समूहों के गठन के बाद जो बुनियादी सहायता राशि यानी स्टार्ट-अप फंड दिया जाना चाहिए था वह छह साल बाद भी नहीं मिला है। मिशन के तहत महिला समूहों को 2500 रुपये, ग्राम संगठनों को 75 हजार और कलस्टर को तीन लाख 25 हजार रुपये मिलने थे जो कि आज तक नहीं मिले हैं। शिकायत करने वालों में मीना श्रीवास्तव, दीप रावत, नीरु त्यागी, मंजू कश्यप, नजमा, सायरा बानो, सोनम, नित राठौर, किरन आदि भी शामिल हैं।

chat bot
आपका साथी